राजनीतिक दलों को इंडोर बैठकों के लिए भी चुनाव आयोग की लिखित अनुमति जरूरी
चुनाव आयोग ने राजनीतिक दलों की रैली और सभाओं पर 22 जनवरी तक रोक लगाई है। सभाकक्ष या हाल में सीमित लोगों की मौजूदगी में बैठक करने की सशर्त छूट प्रदान की गई है। हालांकि इसके लिए भी चुनाव आयोग से विधिवत अनुमति लेनी होगी।
जागरण संवाददाता, हल्द्वानी : चुनाव आयोग ने राजनीतिक दलों की रैली और सभाओं पर 22 जनवरी तक रोक लगाई है। सभाकक्ष या हाल में सीमित लोगों की मौजूदगी में बैठक करने की सशर्त छूट प्रदान की गई है। हालांकि इसके लिए भी चुनाव आयोग से विधिवत अनुमति लेनी होगी।
चुनाव आयोग की गाइडलाइन के मुताबिक इंडोर बैठक में हाल की क्षमता से 50 प्रतिशत कम लोगों को शामिल होने की अनुमति होगी। अधिकतम 300 लोग ही बैठक में शामिल हो सकेंगे। उप जिला निर्वाचन अधिकारी अशोक जोशी ने बताया कि राजनीतिक दलों व प्रत्याशियों को बैठक करने से पहले अपने विधानसभा क्षेत्र के चुनाव अधिकारी से लिखित में अनुमति लेनी होगी। बैठक में कोविड गाइडलाइन का पूरी तरह पालन करना होगा। किसी तरह की अनदेखी होने पर चुनाव आयोग संबंधित के खिलाफ सख्ती से कार्रवाई करेगा।
प्रत्याशियों को आपराधिक रिकार्ड करना होगा सार्वजनिक
विधानसभा चुनाव लडऩे जा रहे प्रत्याशियों को अपने आपराधिक मामलों की जानकारी साझा करनी होगी। सभी प्रत्याशी चुनाव आयोग को एक फार्म भरकर देंगे, जिसमें उनसे संबंधित आपराधिक रिकार्ड का ब्योरा भी होगा। राजनीतिक दलों को अपनी वेबसाइट पर प्रत्याशियों की जानकारी सार्वजनिक करनी होगी। उप जिला निर्वाचन अधिकारी अशोक जोशी ने बताया कि उम्मीदवारों को चुनाव अवधि के दौरान स्थानीय व राष्ट्रीय समाचार पत्रों में तीन बार अपनी आपराधिक पृष्ठभूमि से जुड़े वितरण का व्यापक प्रचार-प्रसार करना होगा। निर्वाचन अधिकारी के स्तर से इसकी निगरानी होगी। प्रत्याशियों को अपनी योग्यता व उपलब्धि भी बतानी होगी।