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नेपाल में भारतीय करेंसी पर प्रतिबंध, दोनों देशों के संबंधों में आ सकती है तल्‍खी

भारत की नई करेंसी नेपाल में गैर कानूनी घोषित कर दी गई है। भारत के दो सौ, पांच सौ और दो हजार के नोट प्रतिबंधित कर दिए गए हैं।

By Skand ShuklaEdited By: Published: Fri, 14 Dec 2018 06:22 PM (IST)Updated: Fri, 14 Dec 2018 06:22 PM (IST)
नेपाल में भारतीय करेंसी पर प्रतिबंध, दोनों देशों के संबंधों में आ सकती है तल्‍खी
नेपाल में भारतीय करेंसी पर प्रतिबंध, दोनों देशों के संबंधों में आ सकती है तल्‍खी

झूलाघाट, जेएनएन : भारत की नई करेंसी नेपाल में गैर कानूनी घोषित कर दी गई है। भारत के दो सौ, पांच सौ और दो हजार के नोट प्रतिबंधित कर दिए गए हैं। नेपाल के इस फैसले से दोनों देशों के बीच संबंधों में तल्‍खी आने की आशंका है।
नेपाल के संचार और सूचना मंत्री गोकुल प्रसाद बास्कोटा ने गुरुवार की देर रात्रि को इसकी पुष्टि की है। इस पुष्टि के बाद भारत और नेपाल के सीमावर्ती क्षेत्रों की जनता परेशान है। नेपाल सरकार के अनुसार नेपाल में अब सौ रु पए से बड़े कोई भी नोट नेपाल में प्रचलन से बाहर होंगे। अब नेपाल में कारोबार या अन्य कार्यों के लिए केवल सौ रुपए या उससे नीचे के नोट चल सकेंगे। नेपाल में भारत के दो सौ और पांच सौ रुपए के नोटों का प्रचलन अधिक रहता है। बताया जाता है कि वर्ष 2016 में भारत में नोटबंदी के बाद नेपाल में अब भी पुरानी भारतीय मुद्रा के अरबों रुपए फंसे हुए हैं।
नेपाल में अभी तक भारतीय करेंसी बेरोकटोक चल रही थी, इसे मान्यता भी नहीं दी थी परंतु गैरकानूनी भी घोषित नहीं किया गया था। इधर अब भारतीय करेंसी को गैर घोषित कर प्रचलन बंद कर दिया है। अब भारतीयों को नेपाल में इस्तेमाल के लिए सौ रुपए के नोट सहित पचास, दस, बीस के नोट ले जाने होंगे। या फिर नेपाल बार्डर पर भारतीय नोटों को नेपाली करेंसी से बदलना होगा।

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नेपाल में करेंसी पर प्रतिबंध से भारत के बाजार होंगे प्रभावित
जिले में भारत की सबसे लंबी सीमा नेपाल से लगती है। दोनों देशों के बीच आवाजाही के लिए छह झूलापुल हैं। भारत के धारचूला, बलुवाकोट, जौलजीवी और झूलाघाट बाजार नेपाल के ही ग्राहक पर निर्भर हैं। इन बाजारों में पचास फीसद नेपाली ग्राहक होते हैं। नेपाली ग्राहक भी भारतीय करेंसी मांगते हैं। नेपाल के सौ रुपए भारत के साठ रुपए के बराबर होते हैं। जिसके चलते नेपाल में भारतीय करेंसी में पांच और दो हजार रुपए के नोटों का प्रचलन अधिक है। इसके अलावा भारत में नेपाल के मजूदरों की संख्या काफी अधिक है। अमूमन अपने देश लौटते वक्त मजदूर यहां पर छोटे नोटों को पांच सौ और दो हजार रु पए नोटों में बदल कर ले जाते हैं। वहीं सीमा से लगे बाजारों में दिक्कत पैदा होने की संभावना जताई जा रही है।

भारत की नई करेंसी को नहीं दी थी मान्यता
नेपाल सरकार ने अभी तक भारत में नोटबंदी के बाद जारी हुई नई करेंसी को मान्यता तो नहीं दी थी पर उसे गैरकानूनी भी नहीं घोषित किया था। इससे नेपाल के बाजार में ये नोट चल रहे थे। अब नेपाल सरकार ने नई भारतीय करेंसी को गैरकानूनी घोषित करते हुए इनका प्रचलन पूरी तरह बंद कराने का फैसला किया है। अब भारतीयों को नेपाल में इस्तेमाल के लिए 100-50 या अन्य छोटे नोट ले जाने होंगे। या फिर उन्हें नेपाल बॉर्डर पर ही नए भारतीय नोटों को नेपाल की करेंसी से बदलना होगा।

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