थाली से सब्जी गायब, दाल भी हो गई 'पतली'
त्योहार निपटने के बाद सब्जी व दालों के दामों में आया उछाल लगातार जारी हे। इसके पीछे कारोबारी त्योहार खत्म होने पर सहालग सीजन शुरू होना कारण बता रहे हैं।
जासं, हल्द्वानी: त्योहार निपटने के बाद सब्जी व दालों के दामों में आया उछाल लगातार जारी हे। इसके पीछे कारोबारी त्योहार खत्म होने पर सहालग सीजन शुरू होना कारण बता रहे हैं। वहीं, पर्यटन शुरू होने व होटल, ढाबे, रेस्टोरेंट खुलने से सब्जी-दालों की बिक्री बढ़ने लगी है। दामों के बढ़ने से रसोई का बजट लगातार बढ़ रहा है। रोजमर्रा की खाद्य वस्तुओं के दाम बढ़ने से आम आदमी का बजट गड़बड़ा रहा है।
अनलाक में बाजार के रफ्तार पकड़ने के साथ पर्यटन शुरू हो गया था। त्योहारी सीजन आने से सब्जी, फलों व दालों के दामों में उछाल आने लगा था। त्योहार निपटने के साथ ही शादी समारोह शुरू हो गए हैं। इससे खाद्य पदार्थो के दाम तेजी पकड़ते जा रहे हैं। मंगलपड़ाव के सब्जी विक्रेता मरगूब अली व याकूद अली ने बताया कि पर्यटन शुरू होने व होटल, ढाबे खुलने से हल्द्वानी से पहाड़ों को भी सब्जियां जा रही हैं। सब्जियों की डिमांड बढ़ने से दामों में लगातार तेजी आ रही है। वहीं, किराना कारोबारी मोहम्मद चांद ने बताया कि नवरात्र से ही दालों के दाम बढ़ना शुरू हो गए है। दालों में आई तेजी अब भी बरकरार है। सब्जियां दाम
प्याज 60
आलू 40
टमाटर 40
गोभी 30
बीन 70
भिंडी 50
मटन 80
लौकी 20 दालों के दाम
चना काबुली 90
चना काला 75
चना दला 75
अरहर 120
मलका 75
मूंग 110
मूंग धुली 115
उड़द 110 दाल-सब्जी के दाम लगातार बढ़ रहे हैं। गर्मियों में 15 से 20 रुपये तक बिकने वाला प्याज 60 से अधिक पहुंच गया है। लगातार दाम बढ़ने से किचन का बजट काफी बढ़ चुका है। प्रशासन को महंगाई रोकने के लिए कदम उठाने चाहिए।
- गीता बिष्ट, सीएमटी कालोनी, डहरिया कोरोना काल में प्रशासन ने सब्जियों के दाम निर्धारित किए थे। इससे महंगाई पर लगाम लगी। इसी तरह साल भर प्रशासन को सब्जी व दालों के दाम निर्धारित करने चाहिए। जिससे किसानों और लोगों को लाभ मिले।
- रेनू खोलिया, रूप नगर, छोटी मुखानी दाल-सब्जी के लगातार बढ़ते दामों से रसोई का बजट बिगड़ गया है। आम लोगों पर महंगाई का सीधा असर पड़ता है। अत्यधिक दामों के कारण अब सब्जी कम खरीदनी पड़ रही है। एक ओर सरकार प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए कहती है, दूसरी ओर महंगाई नहीं रोकी जाती है।
- पार्वती देवी, छोटी मुखानी त्योहारों में घर का खर्च बढ़ने के साथ ही दाल-सब्जी के दाम भी बढ़ गए। इससे हर महीने रसोई का बजट बिगड़ रहा है। महंगाई बढ़ने से कई बार मजबूरन मनमाफिक सब्जियों की जगह दूसरी खरीदनी पड़ रही हैं। कोरोना काल में दाल-सब्जी के दामों के बढ़ने पर रोक लगनी चाहिए।
- भगवती बिष्ट, आवास विकास