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एनएच मुआवजा घोटाला मामले में आरोपियों ने खुद को बताया बेकसूर

जिला जज एवं विशेष न्यायाधीश भ्रष्टïाचार निवारण नरेंद्र दत्त की कोर्ट में एनएच-74 मुआवजा घोटाला मामले में आरोपितों पर आरोप तय करने को लेकर अभियोजन व बचाव पक्ष की बहस जारी है।

By Skand ShuklaEdited By: Published: Sat, 04 May 2019 12:50 PM (IST)Updated: Sat, 04 May 2019 12:50 PM (IST)
एनएच मुआवजा घोटाला मामले में आरोपियों ने खुद को बताया बेकसूर
एनएच मुआवजा घोटाला मामले में आरोपियों ने खुद को बताया बेकसूर

नैनीताल, जेएनएन : जिला जज एवं विशेष न्यायाधीश भ्रष्टïाचार निवारण नरेंद्र दत्त की कोर्ट में एनएच-74 मुआवजा घोटाला मामले में आरोपितों पर आरोप तय करने को लेकर अभियोजन व बचाव पक्ष की बहस जारी है। कोर्ट ने अगली सुनवाई 16-17 मई नियत कर दी है। कोर्ट ने घोटाले के प्रमुख आरोपी डीपी सिंह के देर में आने पर गैर जमानती वारंट जारी कर दिया, फिर दो हजार जुर्माना के बाद आदेश रिकॉल कर दिया। शुक्रवार को एंटी करप्शन कोर्ट के जज नरेंद्र दत्त की कोर्ट में आरोपित डीपी सिंह समेत 12 से संबंधित केस पर बहस हुई। आरोपित डीपी सिंह करीब सवा 12 बजे कोर्ट पहुंचे। नाराज कोर्ट ने डीपी सिंह के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी कर दिया। इसके बाद दो हजार जुर्माना अदा कर आदेश को रिकॉल किया गया। बचाव पक्ष के अधिवक्ताओं ने कहा कि उनके द्वारा मुआवजा से संबंधित आदेश बतौर पीठासीन अधिकारी किए, यदि आदेश में गलत थे तो उनकी अपील की जानी चाहिए थी।

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अभियोजन पक्ष की ओर से डीजीसी फौजदारी सुशील कुमार शर्मा ने तीखा प्रतिवाद करते हुए कहा कि केंद्र सरकार द्वारा एनएच चौड़ीकरण में भूमि अधिग्रहण कानून के तहत थ्री डी जारी होने के बाद जमीन की श्रेणी नहीं बदली जा सकती। इसमें मुआवजे की दर समेत अन्य प्रावधान तय थे। उन्होंने कहा कि जमीन की प्रकृति बदलने का अधिकार इस नोटिफिकेशन के बाद किसी को नहीं होता, लेकिन आरोपितों द्वारा कूटरचना कर ना केवल कृषि भूमि को अकृषि में बदला बल्कि बेक डेट में 143 की कार्रवाई को अंजाम दिया। डीजीसी फौजदारी के अनुसार डीपी सिंह व अन्य केस में बहस पूरी हो चुकी है जबकि अनिल शुल्ला व अन्य वाले केस में शुरू हो चुकी है। एनएच घोटाला मामले में एसआइटी द्वारा चार केस दर्ज किए गए थे। अब अगली सुनवाई मेें विक्रमजीत सिंह समेत दो तथा तीर्थपाल सिंह समेत चार आरोपितों से संबंधित केस में सुनवाई होगी। यहां बता दें कि इस घोटाले में एसआइटी द्वारा 25 आरोपितों के खिलाफ चार्जशीट दायर की जा चुकी है।

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