Move to Jagran APP

रामनगर में युवाओं ने दो किमी गूल बनाकर शुरू की सिंचाई, 1500 बीघा जमीन को बंजर होने से बचाया

टेड़ा गांव के युवा जयपाल सिंह रावत ने बताया कि गांव तक पानी लाने के लिए किसी ने नहीं सुनीं। ऐसे में उन्होंने गांव के कई युवाओं को एकजुट किया और कोसी नदी पर जाकर बांध बनाया। इसके बाद दो किलो मीटर लंबी गूल बनाई।

By Prashant MishraEdited By: Published: Tue, 21 Sep 2021 03:30 PM (IST)Updated: Tue, 21 Sep 2021 03:30 PM (IST)
रामनगर में युवाओं ने दो किमी गूल बनाकर शुरू की सिंचाई, 1500 बीघा जमीन को बंजर होने से बचाया
ग्रामीण खुद ही समस्या के निस्तारण को जुट जाते हैं और शासन प्रशासन को आईना दिखाने का काम करते हैं।

जागरण संवाददाता, हल्द्वानी। हम वो नहीं जो मुसीबतों से घबराकर हौंसला तोड़ देते हैं, हम वो हैं जो मन में गर ठान लें हवाओं का रुख मोड़ देते हैं। ये पंक्ति रामनगर के टेड़ा गांव के कुछ युवकों पर एकदम सटीक बैठती है। प्रशासन की ओर से गांव में बरसात में पानी नहीं पहुंचाया गया तो ग्रामीणों ने खुद कोसी नदी में बांध बनाकर दो किलो मीटर लंबी गूल बनाई और पानी ले जाकर खेती को बंजर होने से बचा लिया। कई क्षेत्र विकास से अछूते हैं। ऐसे में लोग अधिकारी व नेताओं से मूलभूत सुविधाओं के लिए गुहार लगाते हैं। पर उनकी समस्याओं को टाल दिया जाता है या फिर बहुत देर की जाती है। इस तरह से कई उत्साही युवा व ग्रामीण कई बार खुद ही समस्या के निस्तारण को जुट जाते हैं और शासन प्रशासन को आईना दिखाने का काम करते हैं।

loksabha election banner

रामनगर की कोसी नदी बरसात में उग्र रूप धारण कर लेती हैं। नदी का जलस्तर बढऩे से कई लोगों के घरों के बहने का खतरा उत्पन्न हो जाता है। बरसात से टेड़ा गांव को जाने वाला बांध टूट जाता है और गूल मलवे से पट जाती है। बरसात नहीं होने पर खेती के सूखने का खतरा पैदा हो जाता है। टेड़ा गांव के युवा जयपाल सिंह रावत ने बताया कि गांव तक पानी लाने के लिए शासन व स्थानीय प्रशासन को अवगत कराया गया। जनप्रतिनिधियों से भी गांव में पानी लाने के लिए कहा गया। लेकिन किसी ने नहीं सुनीं। ऐसे में उन्होंने गांव के कई युवाओं को एकजुट किया और कोसी नदी पर जाकर बांध बनाया। इसके बाद दो किलो मीटर लंबी गूल बनाई।

गूल से पानी लाकर गांव की 1500 बीघा धान की खेती को सींचा गया। गांव में पानी नहीं आता तो भीषण गर्मी होने पर फसल के सूख जाती। युवाओं की मेहनत से आज गांव में धान और सोयाबीन की खेती लहलहा रही है। ग्रामीणों की मेहनत की हर तरफ तारीफें हो रही हैं। बरसात में ग्रामीणों को खेती के साथ ही पीने के पानी के लिए परेशान होना पड़ता है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.