प्रॉपर्टी डीलर भुप्पी पांडेय हत्याकांड की जांच बढ़ेगा दायरा, अफसरों तक की भूमिका जांची जाएगी
प्रॉपर्टी डीलर भुप्पी पांडेय हत्याकांड की जांच का दायरा और बढ़ेगा। अब थाना चौकी के साथ ही प्रकरण में अफसरों की भूमिका भी जांची जाएगी।
हल्द्वानी, जेएनएन : प्रॉपर्टी डीलर भुप्पी पांडेय हत्याकांड की जांच का दायरा और बढ़ेगा। थाना, चौकी के साथ ही पूरे प्रकरण में अफसरों की भूमिका को लेकर भी जांच की जाएगी। डीआइजी ने एसएसपी को सात दिन के भीतर जांच पूरी कर रिपोर्ट सौंपने को कहा है। रिपोर्ट में जिसकी भूमिका संदिग्ध मिली, उसके खिलाफ खुद डीआइजी एक्शन लेंगे। भुप्पी पांडेय हत्याकांड को लेकर पुलिस पर कई सवाल उठे थे।
बीते सोमवार को एसएसपी ने अवकाश पर गए कोतवाल विक्रम राठौर को लाइन हाजिर कर दिया था। हालांकि दबी-जुबान से लोग अन्य पुलिसकर्मियों और अधिकारियों पर भी सवाल खड़े कर रहे थे। मामले को गंभीरता से लेते हुए डीआइजी जगत राम जोशी ने थाने, चौकी और अफसरों तक की भूमिका की निष्पक्ष जांच करने के निर्देश एसएसपी सुनील कुमार मीणा को दिए हैं।मृतक भुप्पी पांडेय ने काठगोदाम थाने में गुप्ता बंधुओं के खिलाफ धमकी देने का मुकदमा दर्ज कराया था। इसके अलावा फोन पर जान से मारने की धमकी मिलने का मुकदमा भी दर्ज है।
वहीं, भोटियापड़ाव चौकी में भुप्पी के साथी दिनेश ने मारपीट के साथ ही जातिसूचक शब्दों का इस्तेमाल करने की शिकायत की थी। एससीएसटी एक्ट में मुकदमा दर्ज होने के बाद आरोपित सौरभ-गौरव की गिरफ्तारी के आदेश भी जारी हुए थे। हालांकि पुलिस उन्हें पकड़ने में नाकाम साबित हुई। बीते शनिवार को दोनों भाई हाई कोर्ट से गिरफ्तारी पर स्टे ले आए। रविवार सुबह कोतवाली में उन्होंने आदेश जमा कराया और कुछ देर बाद ही बीच सड़क पर भुप्पी पांडेय को गोलियां मारकर ढेर कर दिया। वहीं जगत राम जोशी, डीआइजी कुमाऊं ने बताया कि पूरे प्रकरण में पुलिसकर्मियों से लेकर अफसरों तक की भूमिका की जांच होगी। एसएसपी को सात दिन में जांच पूरी कर रिपोर्ट देने को कहा है। रिपोर्ट के आधार पर दोषियों पर कार्रवाई होगी।
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