बागेश्वर में भारी बारिश से चार घर गिरे, 17 लोग हुए बेघर और 11 सड़कों पर यातायात बाधित
गरुड़ में अतिवृष्टि के कारण तीन और कांडा में एक आवासीय मकान ध्वस्त हो गया है। जिसके कारण चार परिवारों के 17 लोग बेघर हो गए हैं। इसके अलावा 11 सड़कों पर भारी मात्रा में मलबा आने से वह आवागमन के लिए बंद हो गई हैं।
जागरण संवाददाता, बागेश्वर : जिले में बारिश का दौर जारी है। गरुड़ में अतिवृष्टि के कारण तीन और कांडा में एक आवासीय मकान ध्वस्त हो गया है। जिसके कारण चार परिवारों के 17 लोग बेघर हो गए हैं। इसके अलावा 11 सड़कों पर भारी मात्रा में मलबा आने से वह आवागमन के लिए बंद हो गई हैं।
पिछले 24 घंटे में सबसे अधिक बारिश गरुड़ में रिकार्ड की गई है। वहां 36 एमएम बारिश हुई है। जबकि कपकोट में बीस एमएम बारिश हुई। जिसके कारण गरुड़-द्यौनाई, कपकोट-कर्मी, बघर, धरमघर-माजखेत, कंधार-सिरमोली, बिजोरीझाल-ओखसों, बालीघाट-दोफाड़, डंगोली-सैलानी, विजयपुर-रनकांडे, गरुड़-धैना, ढालन-खुनौली समेत 11 मोटर मार्ग बंद हो गए हैं।
वहीं अतिवृष्टि के कारण गरुड़ के पिंगलो गांव निवासी कुंदन नाथ पुत्र मोहन नाथ का मकान ध्वस्त हो गया है। उनके परिवार के चार सदस्यों ने घर छोड़ दिया है। द्यौनाई गांव निवासी अशोक सिंह पुत्र चंदन सिंह का पक्का आवासीय मकान गिर गया है। जिसके कारण उनके परिवार के चार सदस्य बेघर हो गए हैं। सिरकोट निवासी भगवत सिंह पुत्र हीरा सिंह का मकान क्षतिग्रस्त हो गया है और पांच लोगों ने घर छोड़ दिया है। कांडा तहसील के बनीगांव निवासी दरवान राम पुत्र हीरा सिंह का मकान बारिश की भेंट चढ़ गया है। उनके परिवार के चार सदस्यों ने पडोसी के घर में शरण ली है।
चौरा-डुंगरी के समीप सड़क पर गिरे पेड़ और बोल्डर
शनिवार की भारी बारिश के कारण बालीघाट-धरमघर मोटर मार्ग के चौरा-डुंगरी के समीप पहाड़ से बोल्डर और पेड़ उखड़कर सड़क पर गिरने लगे। सुबह लगभग आठ बजे होने के कारण वाहनों की लंबी कतार लग गई। बाद में घंटों की मशक्कत के बाद लोडर मशीन के जरिए सड़क को आवागमन के लिए खोला गया। लेकिन भूस्खलन का खतरा लगातार बना हुआ है।
पेड़ गिरने से लाइन टूटी
काफलीगैर क्षेत्र में बिजली की लाइन के ऊपर चीड़ का पेड़ गिर गया। जिसके कारण बीती शुक्रवार की रात ओखलीसिरौद, टाना, बोहाला, साता-प्यारा, खौलसीर, सैंज, पारखेत, बैदीबगड़, बजरिया, सुरजीथल, सिया, बग्वालीखान आदि गांवों की बिजली आपूर्ति ठप रही।
जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी शिखा सुयाल ने बताया कि मौसम विज्ञान विभाग देहरादून के अनुसार दो अगस्त से भारी बारिश की आशंका जर्ता गई है। तहसीलों में स्थापित कंट्रोल रूम और थानों को 24 घंटे सतर्क हैं। बंद मोटर मार्गों को लोडर मशीनों के जरिए खोला जा रहा है। इसके अलावा बिजली, पानी आदि व्यवस्थाएं चुस्त-दुरुस्त हैं।