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डॉक्टरों के खिलाफ बढ़ती हिंसा के विरोध में आइएमए 18 को करेगा प्रदर्शन

डॉक्टरों के खिलाफ बढ़ती हिंसा को लेकर इंडियन मेडिकल एसोसिशन ने आंदोलन की चेतावनी दी है। 18 जून को प्रदेशव्यापी प्रदर्शन होगा। केंद्र सरकार से डाक्टरों के खिलाफ हिंसा रोकने के लिए कानून बनाने की मांग की जाएगी।

By Skand ShuklaEdited By: Published: Wed, 16 Jun 2021 01:08 PM (IST)Updated: Wed, 16 Jun 2021 01:08 PM (IST)
डॉक्टरों के खिलाफ बढ़ती हिंसा के विरोध में आइएमए 18 को करेगा प्रदर्शन
डॉक्टरों के खिलाफ बढ़ती हिंसा के विरोध में आइएमए 18 को करेगा प्रदर्शन

हल्द्वानी, जागरण संवाददाता : डॉक्टरों के खिलाफ बढ़ती हिंसा को लेकर इंडियन मेडिकल एसोसिशन ने आंदोलन की चेतावनी दी है। 18 जून को प्रदेशव्यापी प्रदर्शन होगा। केंद्र सरकार से डाक्टरों के खिलाफ हिंसा रोकने के लिए कानून बनाने की मांग की जाएगी।

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आइएमए उत्तराखंड के प्रदेश अध्यक्ष डा. अरविंद शर्मा ने कहा कि डाक्टरों पर बेवजह के आरोप लग रहे हैं। मार्डन मेडिसिन को बदनाम करने की कोशिश की जा रही है। इससे डाक्टरों का मनोबल गिर रहा है। पिछले दिनों बाबा रामदेव ने भी डाक्टरों के खिलाफ बेवजह की टिप्पणी की। इससे समाज का माहौल भी खराब होता है। इसका पुरजोर करना है। इसी उद्देश्य के लिए देशभर के डाक्टरों के साथ उत्तराखंड के सभी डाक्टर विरोध-प्रदर्शन करेंगे। अपनी आवाज बुलंद करेंगे।

सरकार को कानून बनाने के लिए मजबूर करेंगे। आइएमए हल्द्वानी के सचिव डा. गौरव सिंघल ने कहा कि डाक्टर अपनी सेवा में जुटे हैं। कोरोनाकाल में पूरा भर एलोपैथी पर आ गया था। इसकी वजह से तमाम डाक्टरों ने अपनी जान गंवाई। इसके बावजूद एलोपैथी को बदनाम करने के लिए अनावश्यक टिप्पणी की जा रही है। इस तरह की स्थिति से डाक्टर आहत हैं। डा. सिंघल ने कहा कि 18 जून को सुबह 10 बजे से शाम चार बजे तक सभी डाक्टर विरोध-प्रदर्शन करेंगे। डाक्टरों पर हिंसा के लिखा मुखरता से अपनी बात रखी जाएगी। एसडीएम के माध्यम से प्रधानमंत्री व राष्ट्रपति को ज्ञापन सौंपा जाएगा।

ये हैं मांग

डाक्टरों की सुरक्षा के लिए केंद्र सरकार कानून बनाए।

माडर्न मेडिसिन के खिलाफ अनर्गल आरोप लगाने वालों पर कार्रवाई हो।

ओपीडी हो होगी प्रभावित

आइएमए के विरोध-प्रदर्शन के चलते 18 जून को ओपीडी भी प्रभावित रहेगी। एसोसिएशन ने सीधे ओपीडी बंद रखने की बात नहीं कही है, लेकिन जब सभी डाक्टर अपने स्टाफ के साथ अस्पताल के बाहर धरने पर बैठे रहेंगे तो इससे ओपीडी प्रभावित होगी।

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