नियम आड़े आया तो खुद जुटाने लगे संसाधन
वीवीआइपी श्रेणी में आने वाले हल्द्वानी ब्लॉक के परिसर को मॉडल ब्लॉक बनाने की कवायद शुरू हो गई है। कनिष्ठ उपप्रमुख श्रीकांत पांडे ने इसकी पूरी रूपरेख तैयार की है।
जागरण संवाददाता, हल्द्वानी : वीवीआइपी श्रेणी में आने वाले हल्द्वानी ब्लॉक के परिसर को मॉडल ब्लॉक बनाने की कवायद शुरू हो चुकी है। कनिष्ठ उपप्रमुख श्रीकांत पांडे ने इसकी पूरी रूपरेखा तैयार की। मगर राज्य वित्त या 15वें वित्त यानी पंचायतों को मिलने वाली राशि इस पर खर्च नहीं हो सकती। वजह हल्द्वानी ब्लॉक के परिसर का खुद नगर निगम क्षेत्र में होना है। उसके बावजूद स्टाफ व जनप्रतिनिधियों ने कदम पीछे नहीं खींचे। आपसी सहयोग से काम करवाया जा रहा है।
हल्द्वानी ब्लॉक परिसर की स्थिति बेहद खराब थी। सालों से दीवारों की पुताई नहीं होने और खुले मैदान में उगी झाड़ियां इसकी दुर्दशा बयां करते थे। जिसके बाद कनिष्ठ उपप्रमुख श्रीकांत पांडे ने बीडीओ डॉ. निर्मला जोशी से वार्ता कर इसे मॉडल ब्लॉक के तौर पर स्थापित करने की योजना बनाई। डिजायन के मुताबिक यहां बायो डायवर्सिटी पार्क, रनिंग ट्रैक, बैडमिंटन व वॉलीबाल कोर्ट भी बनेगा। दीवारों पर पुताई करने के साथ स्लोगन व पंचायतों के लिए बनी योजनाओं की जानकारी दी जाएगी। साथ ही शहीद स्मारक को भी व्यवस्थित किया जाना है। सबसे पहले श्रमदान कर परिसर की सफाई की गई। हर शनिवार व रविवार को पंचायत जनप्रतिनिधि खुद फावड़े-बेल्चे लेकर पहुंचते हैं। बीडीओ डॉ. निर्मला जोशी खुद स्टाफ से कलेक्शन कर रही हैं।
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नगर निगम ने हाथ खड़े किए : नगर निगम परिधि में आने की वजह से निगम प्रशासन से भी ब्लॉक के लिए बजट मांगा गया था। मगर उसने जनहित की बजाय इसे विकासखंड का दफ्तर बता हाथ पीछे खींच लिए। जिला पंचायत बोर्ड बैठक में भी इसका प्रस्ताव नहीं रखा जा सकता। ऐसे में जनप्रतिनिधियों व कर्मचारियों ने खुद ही बीड़ा उठा लिया।