ऐसे बेहतर होंगी पहाड़ में स्वास्थ्य सुविधाएं, जानिए क्या हो रही है प्लानिंग
पर्वतीय क्षेत्रों की स्वास्थ्य व्यवस्था को बेहतर करने के लिए नेशनल हेल्थ मिशन (एनएचएम) स्तर पर कसरत तेज हो गई है।
मनीष साह (नैनीताल) : पर्वतीय क्षेत्रों की स्वास्थ्य व्यवस्था को बेहतर करने के लिए नेशनल हेल्थ मिशन (एनएचएम) स्तर पर कसरत तेज हो गई है। यदि सब कुछ ठीक ठाक रहा तो जल्द ही पहाड़ के लोगों को बेहतर इलाज मिलेगा और इधर उधर नहीं भटकना पड़ेगा। इस व्यवस्था को सुधारने के लिए पर्वतीय जिलों में चिकित्सकों के लिए सुविधा संपन्न 'ट्रांजिट हॉस्टल' तैयार किए जाएंगे। ताकि डॉक्टर तन मन से दुर्गम क्षेत्रों के बाशिंदों की सेवा कर सकें।
पहले चरण में राज्य के चार जिलों में 22 'हॉस्टल' का निर्माण किया जाएगा। कुमाऊं गढ़वाल में प्राथमिक व सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों के साथ ही जिला चिकित्सालयों में ट्रांजिट हॉस्टल्स का खाका तैयार कर लिया गया है। एनएचएम के प्रस्ताव पर केंद्र ने 12 करोड़ रुपये का बजट दे दिया है। प्रस्तावित हॉस्टल्स में 192 चिकित्सा विशेषज्ञों के रहने की व्यवस्था होगी।
इसलिए चाहिए पहाड़ में डॉक्टर
दरअसल, राज्य गठन से अब तक उत्तराखंड में सुविधाओं व चिकित्सकों को तरस रहे खासतौर पर पर्वतीय जिलों में विशेषज्ञ डॉक्टरों की तैनाती बड़ी चुनौती रही है। बेशक सरकारें, चिकित्सकों को पहाड़ भेजने के तमाम दावे व कोशिशें करें, लेकिन हकीकत उलट है। मौजूदा हालात पर गौर करें तो प्रदेशभर में चिकित्सकों के 2400 सृजित पदों में लगभग 800 पद अब भी खाली ही हैं। वहीं फार्मासिस्ट के सौ पद रिक्त हैं। विशेषज्ञ सर्जन व न्यूरोसर्जन आदि अतिविशेषज्ञ चिकित्सक तो कभी मिले ही नहीं। ऐसे में उपेक्षित पहाड़ की गरीब जनता जहां पिस रही, वहीं मध्यम वर्ग अपने रोगियों की जान बचाने व बेहतर इलाज के लिए बड़े शहरों की ओर दौडऩे को मजबूर है।
कहां, कितने हॉस्टल
गोपेश्वर, बागेश्वर, पौड़ी व चंपावत जनपद में 12 चिकित्साधिकारियों तथा गोविंद सिंह माहरा नागरिक चिकित्सालय रानीखेत में पांच विशेषज्ञ चिकित्सकों के लिए बनेंगे पांच ट्रांजिट हॉस्टल। सीएचसी पाटी, द्वाराहाट, चौखुटिया, धौलादेवी (अल्मोड़ा), पिथौरागढ़, बेतालघाट, रामगढ़ व नैनीताल (नैनीताल), चंपावत, पुरोला, अगस्त्यमुनि (गढ़वाल) तथा बागेश्वर में 17 हॉस्टल, जिनमें आठ-आठ चिकित्साधिकारी ठहरेंगे।
ट्रांजिट हॉस्टल के जिए जल्द जारी होगा टेंडर
डॉ. अंजली नौटियाल, निदेशक एनएचएम ने बताया कि पर्वतीय क्षेत्र में चिकित्सकों को रहने के लिए बेहतर आवास उपलब्ध नहीं हो पाते। ट्रांजिट हॉस्टल मूलभूत सुविधाओं से लैस होगा। जल्द ही टेंडर लगवाए जाएंगे तथा शीघ्र ही निर्माण कार्य भी शुरू करवाया जाएगा।
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