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स्‍ट्राबेरी व मशरूम का उत्‍पादक करने वाले किसानों को उद्यान विभाग हर माह दो बार देगा प्रशिक्षण

बागेश्‍वर जिले के कपकोट तहसील के दुलम गांव के कास्तकारों के लिए अच्छी खबर है। स्ट्राबेरी और मशरूम का उत्पादन करने वाले किसानों को अब उद्यान विभाग प्रत्येक माह में दो बार तकनीकी प्रशिक्षण देगा। अलबत्ता किसानों की आय बढ़ाने में यह कदम बेहतर साबित होगा।

By Skand ShuklaEdited By: Published: Mon, 25 Jan 2021 12:31 PM (IST)Updated: Mon, 25 Jan 2021 12:31 PM (IST)
स्‍ट्राबेरी व मशरूम का उत्‍पादक करने वाले किसानों को उद्यान विभाग हर माह दो बार देगा प्रशिक्षण
स्‍ट्राबेरी व मशरूम का उत्‍पादक करने वाले किसानों को उद्यान विभाग हर माह दो बार देगा प्रशिक्षण

बागेश्वर, जागरण संवाददाता : बागेश्‍वर जिले के कपकोट तहसील के दुलम गांव के कास्तकारों के लिए अच्छी खबर है। स्ट्राबेरी और मशरूम का उत्पादन करने वाले किसानों को अब उद्यान विभाग प्रत्येक माह में दो बार तकनीकी प्रशिक्षण देगा। विभाग ने इसकी जिम्मेदारी सहायक उद्यान अधिकारी को सौंप दी है।

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जिले के उद्यान विभाग किसानों की बेहतरी के लिए काम कर रहा है। जहां कास्तकारों को पारंपरिक खेती की तरफ जोड़ते हुए जैविक उत्पादन पर जोर दिया जा रहा है। वहीं मशरूम और स्ट्राबेरी पर भी उद्यान विभाग का विशेष फोकस है। विशेषज्ञों के अनुसार पारंपरिक खेती को छोड़कर किसान कुछ नया करने लगे हैं।

मशरूम और स्ट्राबेरी की खेती नकदी से जुड़ी हुई है। इसके अलावा गोभी, मटर और मौसमी फलों का उत्पादन भी होने लगा है। किसानों की बेहतरी के लिए अब दुलम गांव को चुना गया है। उद्यान विभाग यहां के कास्तकारों को प्रत्येक माह में दो बार स्ट्राबेरी और मशरूम की खेती का प्रशिक्षण देने जा रहा है। 

बागेश्वर के जिला उद्यान अधिकारी आरके सिंह ने बताया कि पारंपरिक खेती से हटकर मशरूम और स्ट्राबेरी की खेती कर रहे किसानों को विभाग बीज आदि की मदद कर रहा है। वहीं अन्य स्थानों पर भी स्ट्राबेरीउत्पादन की संभावनाओं की तलाश की जा रही है। विभाग गांव के किसानों को तकनीकी प्रशिक्षण देकर व्यवसायिक खेती के लिए प्रेरित करेगा। 

विभाग कास्तकारों को देगा पालीहाउस

जिला उद्यान अधिकारी आरके सिंह और सहायक उद्यान अधिकारी कुलदीप जोशी ने बताया कि वे दुलम गांव गए। उन्होंने बताया कि पारंपरिक खेती छोड़कर मशरूम और स्ट्राबेरी का उत्पादन कर रहे काश्तकारों से भेंट की। मशरूम और स्ट्राबेरी की खेती का निरीक्षण भी किया। स्ट्राबेरी उत्पादन की तकनीक व अन्य सावधानियों पर चर्चा की। उन्हें विभाग की ओर से दी जा रही योजनाओं की जानकारी दी। किसानों को अनुदान पर पालीहाउस लगाने के लिए भी प्रेरित किया। मशरूम के लिए कंपोस्ट की डिमांड समय पर देने को कहा। ताकि ज्योलीकोट से कंपास्ट मंगाई जा सके। 

गडेरा में बड़ी इलाइची की खेती

गडेरा गांव में बड़ी इलाइची खेती हो रही है। किसान बहादुर सिंह ने कहा कि इलाइची से उनकी आय में बढ़ोत्तरी हो रही है। उन्होंने गांव के अन्य किसानों से भी सरकारी योजनाओं का लाभ उठाकर अपने जीवन स्तर में सुधार लाने को कहा।


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