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टीबी रोगियों की एचआइवी व सीबी नाट जांच भी अनिवार्य

राज्य क्षय नियंत्रण अधिकारी डा. मयंक बड़ोला ने कहा कि रोगी में टीबी की पुष्टि होने पर सीबी नाट एचआइवी व डायबिटीज की अनिवार्य रूप से जांच की जाए। निजी अस्पतालों के डाक्टरों को भी इस नियम का पालन करना है।

By JagranEdited By: Published: Sun, 18 Oct 2020 02:35 AM (IST)Updated: Sun, 18 Oct 2020 02:35 AM (IST)
टीबी रोगियों की एचआइवी व सीबी नाट जांच भी अनिवार्य
टीबी रोगियों की एचआइवी व सीबी नाट जांच भी अनिवार्य

जागरण संवाददाता, हल्द्वानी: राज्य क्षय नियंत्रण अधिकारी डा. मयंक बड़ोला ने कहा कि रोगी में टीबी की पुष्टि होने पर सीबी नाट, एचआइवी व डायबिटीज की अनिवार्य रूप से जांच की जाए। निजी अस्पतालों के डाक्टरों को भी इस नियम का पालन करना है।

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रामपुर रोड स्थित एक होटल में आयोजित कार्यक्रम में डा. बड़ोला ने कहा कि सीबी नाट जांच से टीबी की सही स्थिति का पता चल जाता है। अगर उसे एमडीआर (मल्टी ड्रग रेजिस्टेंट) है, तब भी उसी आधार पर इलाज करने में मदद मिल जाती है। टीबी रोगी मिलते ही उसकी पूरी जानकारी निश्चय पोर्टल पर अपडेट करनी है। जिला क्षय रोग अधिकारी डा. आरके जोशी ने कहा कि टीबी रोगी को छह महीने तक प्रतिमाह 500 रुपये दिए जाते हैं। उसके इलाज की लगातार मानीटरिग की जाती है। जीत प्रोजेक्ट के स्टेट कंसलटेंट डा. रचित नेगी ने सभी डाक्टरों से कार्यक्रम में सहयोग करने की अपील की।

इससे पहले कार्यक्रम का शुभारंभ मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा. भागीरथी जोशी ने किया। संचालन सीनियर ट्रीटमेंट सुपरवाइजर प्रमोद भट्ट ने किया। इस दौरान विश्व स्वास्थ्य संगठन के कंसलटेंट डा. विकास सब्बरवाल, एसीएमओ डा. रश्मि पंत, डा. टीके टम्टा, डा. बलवीर, अनिल सती, जिला समन्वयक अजय भट्ट, संतोष पांडे, शिल्पी आदि शामिल रहे। इसके अलावा राज्य क्षय नियंत्रण अधिकारी ने टीबी कार्यक्रम को लेकर जिला स्तर की समीक्षा की।


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