Move to Jagran APP

प्रेेमी युगल ने सुरक्षा लेने के लिए किया कोर्ट को गुमराह

एक प्रेमी युगल ने सुरक्षा लेने के लिए हार्इकोर्ट को गुमराह करने की कोशिश की। बात का अंदेशा होती है हार्इकोर्ट ने प्रेमिका के वकील को जेल भेजने के आदेश दे दिए।

By Raksha PanthariEdited By: Published: Mon, 26 Mar 2018 09:06 PM (IST)Updated: Tue, 27 Mar 2018 10:19 AM (IST)
प्रेेमी युगल ने सुरक्षा लेने के लिए किया कोर्ट को गुमराह
प्रेेमी युगल ने सुरक्षा लेने के लिए किया कोर्ट को गुमराह

नैनीताल, [जेएनएन]: प्रेमी युगल को सुरक्षा दिलाने के नाम पर गुमराह करने के मामले हाई कोर्ट ने बेहद गंभीरता से लिया है। कोर्ट ने इस मामले में अधिवक्ता और उसके चालक को जेल, जबकि प्रेमिका को नारी निकेतन भेजने के आदेश पारित किए हैं।

loksabha election banner

दरअसल, लालकुआं के हिम्मतपुर चौमुवाल निवासी आंगनबाड़ी कार्यकर्ता की बेटी का राजस्थान के जयपुर निवासी युवक सोमपान के साथ प्रेम प्रसंग चल रहा था। प्रेमिका की मां इसका विरोध कर रही है। मंगलवार को प्रेमी का अधिवक्ता सुरेंद्र मील निवासी जयपुर लड़की को लेकर हाई कोर्ट पहुंचा। लड़की ने अदालत को बताया कि वह पढ़ना चाहती है, लेकिन उसकी मां जबरन किसी से उसकी शादी करना चाहती है। लिहाजा उसे सुरक्षा प्रदान की जाए। 

वरिष्ठ न्यायाधीश न्यायमूर्ति राजीव शर्मा व न्यायमूर्ति लोकपाल सिंह की खंडपीठ के समक्ष मामले में सुनवाई हुई। कोर्ट के सवालों के जवाब में विरोधाभास होने पर अदालत को शक हुआ। जिस पर खंडपीठ द्वारा एसएसपी नैनीताल को लड़की की मां को कोर्ट में पेश करने को कहा गया। पुलिस लड़की की मां को लेकर नैनीताल पहुंची और हाई कोर्ट में पेश किया। लड़की की मां ने बताया कि वह आंगनबाड़ी कार्यकर्ता है और उसके पति का देहांत हो गया है। पति के देहांत के बाद बेटी को अच्छे स्कूल में पढ़ाया मगर उसका जयपुर में एनजीओ संचालक सोमपाल से प्रेम प्रसंग चलने लगा। इतना ही नहीं सोमपाल पहले से ही शादीशुदा है और उसकी चार साल की बेटी भी है। 

उधर लड़की के अधिवक्ता ने अपनी याचिका में कहा कि उसकी मां उसकी शादी कहीं अन्य जगह करना चाह रही है। खंडपीठ ने लड़की और अधिवक्ता के विरोधाभासी बयानों को गंभीरता से लेते हुए लड़की को नारी निकेतन और अधिवक्ता के साथ चालक को जेल भेजने के आदेश पारित किए। कोर्ट के फैसले के बाद मल्लीताल कोतवाली के एसएसआइ बीसी मासीवाल कोर्ट पहुंचे और अधिवक्ता और उसके चालक को पकड़कर कोतवाली ले आए। 

यह भी पढ़ें: उत्तराखंड राज्य आंदोलनकारियों के आरक्षण मामले में पुनर्विचार याचिका

यह भी पढ़ें: हाई कोर्ट ने निकायों में गांवों को मिलाने के नोटिफिकेशन को किया निरस्त

यह भी पढ़ें: हाई कोर्ट ने पूछा, निकायों के सीमा विस्तार से पहले सुनवाई का मौका क्यों नहीं दिया


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.