प्रशासकों की नियुक्ति के मामले में सरकार को हार्इ कोर्ट से बड़ी राहत
हार्इकोर्ट ने राज्य सरकार को बड़ी राहत दी है। कोर्ट ने प्रशासकों की नियुक्ति संबंधी राज्य सरकार के फैसले को सही माना है।
नैनीताल, [जेएनएन]: हाई कोर्ट ने नगर निकायों में प्रशासकों की नियुक्ति संबंधी राज्य सरकार के फैसले को सही माना है। कोर्ट ने इस आदेश को चुनौती देने वाली सभी याचिकाओं को खारिज कर दिया है।
न्यायाधीश न्यायमूर्ति सुधांशु धूलिया की एकलपीठ ने इन याचिकाओं के साथ जसपुर नगर पालिका के अध्यक्ष मो. उमर के पक्ष में पूर्व में जारी अंतरिम आदेश को भी निरस्त कर दिया है। राज्य के अनुसार राज्य के 18 निवर्तमान पालिका अध्यक्ष और सभासदों ने याचिका दायर कर राज्य सरकार द्वारा तीन मई 2018 को जारी उस अधिसूचना को हाई कोर्ट में चुनोती दी है, जिसके अनुसार नगर निकायों को भंग कर उनकी जगह जिला अधिकारियों को प्रशासक नियुक्त कर दिया था।
याचिकर्ताओं के अनुसार लोकतंत्र में चुने हुए जन प्रतिनिधियों के स्थान पर अफसरों को निकायों का प्रशासक नियुक्त करना न्याय संगत नहीं है। इसलिए सरकार को चुनी हुई बोर्ड का कार्यकाल नई बोर्ड के कार्यकाल तक बढ़ाया जाना चाहिए, जबकि राज्य सरकार ने उत्तराखंड म्युनिस्पिल एक्ट का हवाला देते हुए कहा है कि इस एक्ट में चुनी हुई बोर्ड का कार्यकाल समाप्त होने पर निकायों में जिला अधिकारी को प्रशासक नियुक्त करने का प्रावधान है।
मामले को सुनने के बाद एकलपीठ ने सरकार के आदेश को सही मानते हुए सभी याचिकाओं को निरस्त कर दिया है। कोर्ट के फैसले से सरकार को बड़ी राहत मिली है। अब चाहे तो सरकार अधिकतम छह माह तक निकायों में प्रशासक बनाए रख सकती है।
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