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एलटी चयनित अभ्यर्थियों को नियुक्ति पत्र देने पर रोक, जानिए क्यों

हार्इ कोर्ट ने एलटी चयनित अभ्यर्थियों को नियुक्ति पत्र जारी करने पर फिलहाल रोक लगा दी है। साथ ही सरकार से दो सप्ताह में जवाब दाखिल करने के आदेश पारित किए हैं।

By Raksha PanthariEdited By: Published: Thu, 21 Jun 2018 08:23 PM (IST)Updated: Fri, 22 Jun 2018 05:25 PM (IST)
एलटी चयनित अभ्यर्थियों को नियुक्ति पत्र देने पर रोक, जानिए क्यों
एलटी चयनित अभ्यर्थियों को नियुक्ति पत्र देने पर रोक, जानिए क्यों

नैनीताल, [जेएनएन]: हाई कोर्ट ने राज्य में एलटी के 1214 शिक्षक पद के लिए चयनित अभ्यर्थियों को नियुक्ति पत्र जारी करने पर फिलहाल रोक लगा दी है। साथ ही सरकार व राज्य अधीनस्थ सेवा चयन आयोग को दो सप्ताह में जवाब दाखिल करने के निर्देश दिए हैं।

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उल्लेखनीय है जनवरी 2017 में एलटी के 1214 पदों के लिए विज्ञप्ति जारी कर आवेदन मांगे गए। मई 2018 में इसका परीक्षाफल घोषित किया गया। हाल ही में भर्ती प्रक्रिया को आगे बढ़ाते हुए देहरादून में चयनित अभ्यर्थियों के प्रमाण पत्रों की जांच अंतिम चरण में पहुंच गई है। अब तक साढ़े सात सौ अभ्यर्थियों के प्रमाण पत्रों की जांच की जा चुकी है। इधर उत्तरकाशी के राममोहन सिंह भंडारी व हरीश कुमार द्वारा याचिका दायर कर चयन प्रक्रिया को चुनौती दी गई। याचिका में परीक्षाफल में गड़बड़ियों का जिक्र करते हुए कहा गया कि परीक्षाफल में अभ्यर्थियों के नाम दो या तीन स्थान पर हैं।

सरकार द्वारा सामान्य वर्ग की कट ऑफ 51 फीसद रखी गई जबकि आरक्षित वर्ग के चयनित अभ्यर्थियों को अंक अधिक होने के बाद भी आरक्षित श्रेणी के पद के लिए चयनित किया गया, जो नियम विरुद्ध है। शिक्षक पात्रता परीक्षा के अंक भी मैरिट के अंक में जोड़ दिए गए। ऐसे अभ्यर्थी हैं, जिनका गढ़वाल व कुमाऊं दोनों स्थानों पर चयन हुआ है, जिससे अनेक अभ्यर्थी चयन से वंचित रह गए। गुरुवार को न्यायाधीश न्यायमूर्ति लोकपाल सिंह की खंडपीठ ने मामले को सुनने के बाद चयनित अभ्यर्थियों को नियुक्ति पत्र जारी करने पर फिलहाल रोक लगाते हुए सरकार से दो सप्ताह में जवाब दाखिल करने के आदेश पारित किए हैं।

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