छात्रवृत्ति घोटाला : एसआइटी को हाईकोर्ट की चेतावनी, जांच में तेजी लाएं नहीं तो केस सीबीआइ को देंगे
हाई कोर्ट ने करीब पांच सौ करोड़ के छात्रवृत्ति घोटाला मामले की जांच में ढिलाई पर एसआइटी को सख्त चेतावनी दी है।
नैनीताल, जेएनएन : हाई कोर्ट ने करीब पांच सौ करोड़ के छात्रवृत्ति घोटाला मामले की जांच में ढिलाई पर एसआइटी को सख्त चेतावनी दी है। कोर्ट ने कहा है कि जांच में तेजी नहीं आई तो केस सीबीआइ को ट्रांसफर कर दिया जाएगा। कोर्ट ने एसआइटी के हलफनामे से असंतुष्टï होकर जल्द से जल्द हर बिंदु की जांच रिपोर्ट 30 सितंबर तक तथा हर दो सप्ताह में प्रगति रिपोर्ट पेश करने के निर्देश दिए हैं।
बुधवार को मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति रमेश रंगनाथन व न्यायमूर्ति आलोक कुमार वर्मा की खंडपीठ में घोटाले की जांच के लिए बनी एसआइटी के 11 जिलों के अध्यक्ष आइजी संजय गुंज्याल व देहरादून व हरिद्वार जिले के अध्यक्ष एसपी मंजूनाथ टीसी हाई कोर्ट में पेश हुए। आइजी ने कोर्ट को बताया कि 11 अगस्त को एसआइटी गठित की गई थी, जिसके बाद समाज कल्याण विभाग से घोटाले से संबंधित सूचनाएं मांगी गईं। अब भी कुछ जिलों से सूचनाएं मिलनी बाकी हैं। जिलों में एसपी-एसएसपी के अधीन एसआइटी बना दी गई है। छह सितंबर को समाज कल्याण विभाग के अधिकारियों के साथ बैठक हो चुकी है। वहीं एसपी मंजूनाथ ने भी दो जिलों मेंं की गई जांच रिपोर्ट पेश की। कोर्ट ने अब तक जांच पर नाराजगी प्रकट करते हुए हर दो सप्ताह में जांच रिपोर्ट पेश करने के निर्देश दिए। राज्य आंदोलनकारी रवींद्र जुगरान ने जनहित याचिका दायर कर कहा था कि समाज कल्याण विभाग में 2003 से अब तक एससी-एसटी छात्रों की छात्रवृत्ति का पैसा नहीं दिया गया, जिससे साफ है कि इसमें बड़ा घोटाला किया गया है। 2017 में मुख्यमंत्री ने घोटाले की जांच के लिए एसआइटी गठित कर तीन माह में जांच पूरी करने के निर्देश दिए थे, मगर कोई कार्रवाई नहीं हुई। याचिका में इस घोटाले की सीबीआइ जांच की मांग की गई है।
नौटियाल जांच में सहयोग करें
घोटाले में आरोपित समाज कल्याण अधिकारी गीता राम नौटियाल को एससी-एसटी कमीशन से राहत देने के खिलाफ हरिद्वार निवासी पंकज की जनहित याचिका पर भी सुनवाई हुई। कोर्ट ने नौटियाल को गुरुवार को एसआइटी के समक्ष पेश होने व जांच में सहयोग करने के निर्देश दिए हैं।
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