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बढ़ी फीस नहीं लौटाने के मामले में पतंजलि आयुर्विज्ञान संस्थान पर हाई कोर्ट सख्त Nainital News

नैनीताल हाई कोर्ट ने आदेश के बाद भी बीएएमएस छात्रों की बढ़ी फीस के 15 करोड़ रुपये नहीं लौटाने को गंभीरता से लिया है।

By Skand ShuklaEdited By: Published: Sat, 14 Mar 2020 11:23 AM (IST)Updated: Sat, 14 Mar 2020 11:23 AM (IST)
बढ़ी फीस नहीं लौटाने के मामले में पतंजलि आयुर्विज्ञान संस्थान पर हाई कोर्ट सख्त Nainital News
बढ़ी फीस नहीं लौटाने के मामले में पतंजलि आयुर्विज्ञान संस्थान पर हाई कोर्ट सख्त Nainital News

नैनीताल, जेएनएन :  हाई कोर्ट ने आदेश के बाद भी बीएएमएस छात्रों की बढ़ी फीस के रूप में करीब 15 करोड़ रुपये नहीं लौटाने को गंभीरता से लिया है। ऐसे मे पतंजलि आयुर्विज्ञान एवं अनुसंधान संस्थान हरिद्वार के प्राचार्य पर 24 मार्च से अवमानना की कार्रवाई होगी। पिथौरागढ़ निवासी शुभम पंत समेत 25 छात्रों ने अवमानना याचिका दायर की है। उनका कहना है कि सरकार ने बीएएमएस की फीस 80 हजार से बढ़ाकर 2.15 लाख कर दी। शासनादेश को कोर्ट खारिज करने के साथ वसूली गई बढ़ी फीस लौटाने का आदेश दिया है, लेकिन संस्थान ने फीस नहीं लौटाई।

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छह माह की मांगी थी मोहलत

शुक्रवार को सुनवाई के दौरान संस्थान ने आर्थिक स्थिति का हवाला देते हुए छह माह की मोहलत मांगी। कोर्ट ने उसे अस्वीकार कर दिया। कोर्ट ने इसे भी अवमानना करार दिया। न्यायाधीश न्यायमूर्ति शरद कुमार शर्मा की एकलपीठ ने मामले को सुनने के बाद प्राचार्य पर अवमानना का आरोप तय करने के लिए अगली तिथि 24 मार्च निर्धारित कर दी।

हरिद्वार डीएफओ के खिलाफ जमानती वारंट

हाई कोर्ट ने आदेश का पालन नहीं करने पर शुक्रवार को हरिद्वार के डीएफओ आकाश कुमार वर्मा के खिलाफ जमानती वारंट जारी कर दिया। कोर्ट ने उन्हें 16 मार्च को कारण सहित तलब भी किया है। न्यायाधीश न्यायमूर्ति शरद कुमार शर्मा की एकलपीठ में शुक्रवार को हरिद्वार निवासी रति राम की अवमानना याचिका पर सुनवाई हुई। याचिका में कहा गया कि कोर्ट ने उनकी समस्त सेवाओं को जोड़ते हुए पेंशन समेतलाभ देने का आदेश पारित किया था, मगर डीएफओ ने आदेश को दरकिनार कर दिया।

अवैध खनन पर सरकार से जवाब तलब

हाई कोर्ट ने बागेश्वर के दपटि कांडा में अवैध खडिय़ा खनन के खिलाफ  दायर जनहित याचिका पर सुनवाई की। पूरे मामले में सरकार से मंगलवार तक जवाब तलब किया। वरिष्ठ न्यायाधीश न्यायमूर्ति रवि विजय मलिमथ व न्यायमूर्ति सुधांशु धूलिया की खंडपीठ में दपटि कांडा निवासी बलवंत धामी की जनहित याचिका पर सुनवाई हुई। याचिका में कहा गया कि उनके गांव में कुछ लोग खडिय़ा खनन कर रहे हैं। पट्टे के साथ ही किसानों की जमीन को भी नहीं छोड़ा जा रहा है। शिकायत प्रशासन से की गई तो एसडीएम ने उनके ही खिलाफ  मुकदमा दर्ज करा दिया। खंडपीठ ने मामले को सुनने के बाद सरकार से मंगलवार को स्थिति स्पष्ट करने के लिए कहा।

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