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Haridwar Maha Kumbh 2021: महाकुंभ के निर्माण कार्यों की प्रगति जांचने के लिए हाई कोर्ट ने बनाई कमेटी

Haridwar Maha Kumbh 2021 कोर्ट ने कुंभ को लेकर किए इंतजामों की प्रगति के लिए जिला जज हरिद्वार सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण कुंभ मेलाधिकारी दीपक रावत सरकार के हाई कोर्ट में मुख्य स्थाई अधिवक्ता चंद्रशेखर रावत याचिकाकर्ता के अधिवक्ता शिव भट्ट की जांच कमेटी भी बनाई है।

By Prashant MishraEdited By: Published: Fri, 05 Mar 2021 05:55 PM (IST)Updated: Sat, 06 Mar 2021 07:30 AM (IST)
Haridwar Maha Kumbh 2021: महाकुंभ के निर्माण कार्यों की प्रगति जांचने के लिए हाई कोर्ट ने बनाई कमेटी
अब तक फ्लाईओवर का निर्माण पूरा नहीं हुआ है। आंतरिक सड़कों का निर्माण भी अधूरा है।

जागरण संवाददाता, नैनीताल :  हाईकोर्ट ने हरिद्वार महाकुंभ में श्रद्धालुओं के स्वास्थ्य, ठहरने के साथ ही पुल, सड़क, फ्लाईओवर निर्माण की प्रगति व मेला क्षेत्र में कोविड चिकित्सालयों की व्यवस्था पर जिला जज हरिद्वार को 23 मार्च तक फोटोग्राफ के साथ स्थलीय निरीक्षण कर रिपोर्ट देने का निर्देश दिया है। इसके अतिरिक्त कोर्ट ने निर्माण कार्यों समेत कुंभ को लेकर किए इंतजामों की प्रगति के लिए जिला जज हरिद्वार, सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, कुंभ मेलाधिकारी दीपक रावत, सरकार के हाई कोर्ट में मुख्य स्थाई अधिवक्ता चंद्रशेखर रावत, याचिकाकर्ता के अधिवक्ता शिव भट्ट की जांच कमेटी भी बनाई है। यह 14 मार्च को स्थलीय निरीक्षण कर कुंभ के इंतजाम परखने के साथ ही निर्माण कार्यों की प्रगति की जांच भी करेगी। मामले की अगली सुनवाई 24 मार्च को होगी।

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 शुक्रवार को मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति आरएस चौहान व न्यायमूर्ति आलोक कुमार वर्मा की खंडपीठ में अधिवक्ता दुष्यंत मैनाली व देहरादून के सच्चिदानंद डबराल की जनहित याचिकाओं पर सुनवाई हुई। सरकार की ओर से रिपोर्ट पेश कर कहा गया कि श्रद्धालुओं की सुविधा व कोविड की गाइडलाइन के अनुपालन के लिए बेहतर इंतजाम किए गए हैं। हरिद्वार के दूधाधारी आश्रम में 550 एवं रामकृष्ण परमहंस अस्पताल में 50 बेड की अतिरिक्त व्यवस्था की गई है। श्रद्धालुओं के ठहरने के भी पर्याप्त इंतजाम किए गए हैं। शौचालयों की बेहतर व्यवस्था की गई है।

 इसके बाद याचिकाकर्ता के अधिवक्ता ने कोर्ट को बताया कि कुंभ को देखते हुए अब तक फ्लाईओवर का निर्माण पूरा नहीं हुआ है। आंतरिक सड़कों का निर्माण भी अधूरा है। जनहित याचिकाओं में कहा गया था कि क्वारंटाइन सेंटरों व कोविड अस्पतालों की हालत बेहद खस्ता है। क्वारंटाइन सेंटरों के मामले में जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिवों ने अपनी विस्तृत रिपोर्ट कोर्ट में पेश कर माना था कि उत्तराखंड के सभी क्वारंटाइन सेंटर बदहाल हैं। सरकार की ओर से उचित व्यवस्था नहीं की गई है। इसे गंभीर मानते हुए कोर्ट ने जांच कमेटी गठित कर निर्माण कार्यों व दूसरी व्यवस्थाओं की प्रगति रिपोर्ट तलब कर ली।

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