हाईकोर्ट ने परिसंपत्तियों के बंटवारे में देरी पर उत्तर प्रदेश सरकार से मांगा जवाब
हाइकोर्ट ने रोडवेज कर्मचारी यूनियन की जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए परिसंपत्तियों के बंटवारा में देरी पर उत्तर प्रदेश सरकार से दो सप्ताह में जवाब दाखिल करने के निर्देश दिए हैं।
नैनीताल, जेएनएन : हाइकोर्ट ने रोडवेज कर्मचारी यूनियन की जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए परिसंपत्तियों के बंटवारा में देरी पर उत्तर प्रदेश सरकार से दो सप्ताह में जवाब दाखिल करने के निर्देश दिए हैं। जबकि रोडवेज कर्मचारियों को वेतन देने के मामले में परिवहन निगम ने दो सप्ताह के भीतर कार्रवाई की बात कही है।
सोमवार को कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति रवि कुमार मलिमथ व न्यायमूर्ति एनएस धानिक की खंडपीठ में रोडवेज कर्मचारी यूनियन को जनहित याचिका पर सुनवाई हुई। याचिकाकर्ता के अधिवक्ता का कहना था कि 2003 में भारत सरकार ने समानुपातिक आधार पर परिसंपत्तियों का बंटवारा करने के निर्देश उत्तर प्रदेश सरकार को दिए थे मगर आज तक यूपी ने उत्तराखंड का हिस्सा नहीं दिया।
इसी साल मार्च में केंद्र ने फिर यूपी सरकार को आदेश दिया मगर अब तक बंटवारा नहीं किया, जो संवैधानिक तंत्र फेल होने का सबूत गया। याचिकाकर्ता के अधिवक्ता द्वारा कोर्ट को यह भी बताया कि लॉक डाउन में सरकार द्वारा प्रवासियों को लाने के लिए उन्हें दिल्ली सहित कई राज्यो में भेजा गया। मई से रोडवेज कर्मचारियों को वेतन नहीं दिया गया है। रोडवेज कर्मचारी यूनियन की तरफ से जनहित याचिका दायर कर कहा है कि उनको निगम द्वारा समय पर वेतन व अन्य भत्ते नही दिया जा रहा है।