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हाईकोर्ट ने प्रवासियों को जिला व तहसील स्तर पर क्वारंटाइन नहीं करने पर मांगा जवाब

हाईकोर्ट ने प्रवासियों को जिला व तहसील स्तर पर प्रसाशन द्वारा क्वारन्टीन नहीं करने के खिलाफ दायर जनहित याचिका पर शुक्रवार को सुनवाई की।

By Skand ShuklaEdited By: Published: Fri, 29 May 2020 04:04 PM (IST)Updated: Sat, 30 May 2020 09:49 AM (IST)
हाईकोर्ट ने प्रवासियों को जिला व तहसील स्तर पर क्वारंटाइन नहीं करने पर मांगा जवाब
हाईकोर्ट ने प्रवासियों को जिला व तहसील स्तर पर क्वारंटाइन नहीं करने पर मांगा जवाब

नैनीताल, जेएनएन : हाईकोर्ट ने प्रवासियों को जिला व तहसील स्तर पर प्रसाशन द्वारा क्वारन्टीन नहीं करने के खिलाफ दायर जनहित याचिका पर शुक्रवार को सुनवाई की। कोर्ट ने मामले में प्रिंसिपल सेकेट्री हेल्थ, डायरेक्टर जनरल मेडिकल हेल्थ, जिलाधिकारी बागेश्वर, सीएमओ बागेश्वर, एसडीएम गरुड़, बीडिओ गरुड़ सहित केंद्र सरकार से दो जून तक स्थिति स्पष्ट करने को कहा है। अगली सुनवाई के लिए दो जून की तिथि नियत की है। 

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गुरुवार को भी याचिका पर हुई थी सुनवाई 

गांव में प्रवासियों को क्वारंटाइन करने का मामला हाईकोर्ट पहुंचा है। बागेश्वर जिले के गरुड़ ब्लॉक के ग्राम प्रधानों की ओर से दायर याचिका पर गुरुवार को हुई सुनवाई के दौरान मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति रमेश रंगनाथन व न्यायमूर्ति आरसी खुल्बे की खंडपीठ ने मामले को न्यायमूर्ति सुधांशु धुलिया व न्यायमूर्ति रविन्द्र मैठाणी की खंडपीठ को रेफर कर दिया था। सुनवाई की डेट 29 मई यानी आज शुक्रवार को नियत की गई थी। सुनवाई के दौरान खंडपीठ ने संबंधित अधिकारियाें से स्थिति स्पष्ट करने को कहा है।  

अधिवक्ता डीके जोशी दायर की है याचिका 

अधिवक्ता डीके जोशी ने इस सम्बंध में जनहित याचिका दायर की है। जिसमें कहा गया है कि गरुड़ बागेश्वर के ग्राम प्रधानों ने जिलाधिकारी को 20 मई को ज्ञापन दिया था कि प्रदेश में बाहर से आने वाले प्रवासियों को जिला स्तर व तहसील स्तर पर क्वारंटाइन किया जाए और उनकी देखभाल प्रशासन करे। ग्राम प्रधान उनकी सहायता करेंगे। याचिकाकर्ता का यह भी कहना है कि अगर प्रशासन ऐसा नहीं करता है तो गरुड़ के समस्त ग्राम प्रधान सामूहिक रूप से स्तीफा देंगे।

इसलिए ग्राम प्रधान कर रहे हैं विरोध

प्रवासियों को क्वारंटाइन करने के गांव के पंचायत भवनों और स्कूलों को क्वारंटाइन सेंटर बनाय गया है। इसके रख-रखाव व देखभाल की जिम्मेदारी ग्राम प्रधानों पर थोप दी गई है। जबकि इसके लिए अब तक अलग से किसी बजट का भी प्रावधान नहीं किया गया है। यही कारण है कि प्रधान इसको लेकर लगातार विरोध कर रहे हैं। उनका कहना है कि प्रवसियों को जिला और तहसील स्तर पर ही क्वारंटाइन किया जाएगा। इसमें ग्राम प्रधानों के संगठन से भी अपेक्षा होगी यथा संभव मदद की जाएगी।

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