Move to Jagran APP

पीसीएस श्रीश कुमार के तबादले का आदेश सही: हार्इकोर्ट

हार्इकोर्ट ने सरकार के उस आदेश को सही ठहराया है जिसमें सरकार ने जिला विकास प्राधिकरण के सचिव श्रीश कुमार का पटवारी प्रशिक्षण संस्थान अल्मोड़ा के लिए तबादला किया था।

By Raksha PanthariEdited By: Published: Wed, 07 Mar 2018 07:26 PM (IST)Updated: Wed, 07 Mar 2018 07:26 PM (IST)
पीसीएस श्रीश कुमार के तबादले का आदेश सही: हार्इकोर्ट
पीसीएस श्रीश कुमार के तबादले का आदेश सही: हार्इकोर्ट

नैनीताल, [जेएनएन]: हाई कोर्ट ने जिला विकास प्राधिकरण के सचिव श्रीश कुमार का पटवारी प्रशिक्षण संस्थान अल्मोड़ा के लिए तबादला करने के सरकार के आदेश को सही ठहराया है। जबकि कोर्ट पीसीएस श्रीश कुमार को 7600 रुपये ग्रेड-पे के बजाय 6600 रुपए ग्रेड पे देने संबंधी मामले में सुनवाई शुक्रवार को करेगी। कोर्ट के फैसले के बाद नैनीताल प्राधिकरण सचिव पद पर एडीएम हरवीर सिंह की तैनाती का रास्ता साफ हो गया है और अब श्रीश को प्रशिक्षण संस्थान अल्मोड़ा में ज्वाइनिंग देनी होगी। कोर्ट ने इस मामले में स्थगनादेश को भी निरस्त कर दिया है।

loksabha election banner

दरअसल इसी साल दस जनवरी को कार्मिक विभाग की ओर से पीसीएस अफसरों की तबादला सूची जारी की गई। जिसमें प्राधिकरण सचिव श्रीश कुमार को डिप्टी कलेक्टर चमोली बनाकर भेजा गया। सूची पर बवाल मचा तो शासन ने कुछ अफसरों के तबादले संशोधित कर दिए। जिसमें श्रीश कुमार को पटवारी प्रशिक्षण संस्थान अल्मोड़ा का अधिशासी निदेशक बनाया गया। 

श्रीश कुमार ने इस आदेश को याचिका के माध्यम से चुनौती दी। याचिका में कहा कि उनका ग्रेड-पे 7600 का है और इससे कम कैडर के पद पर भेजा जा रहा है। याचिका में यह भी कहा गया था कि देहरादून व हरिद्वार विकास प्राधिकरण में सचिव का पूर्ण चार्ज दिय गया। लेकिन नैनीताल जिला विकास प्राधिकरण सचिव का चार्ज अपर जिलाधिकारी हरवीर सिंह को दिया गया, जो नियम विरुद्ध है। 

इसके अलावा चार जिलों में सचिव को नियमावली के अनुसार और नौ जिलों में पदेन व्यवस्था के तहत रखा गया। सरकार की ओर से अदालत को बताया गया कि श्रीश कुमार का तबादला जनहित में किया गया है। कोर्ट को श्रीश कुमार को मिली प्रतिकूल प्रविष्टि की जानकारी देते हुए कहा कि इस वजह से 7700 रुपये ग्रेड पे नहीं दिया जा सकता। साथ ही यह भी बताया कि शासन को एडीएम को प्राधिकरण सचिव का चार्ज देने का अधिकार है। मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति केएम जोसफ व न्यायमूर्ति शरद कुमार शर्मा की खंडपीठ ने मामले को सुनने के बाद स्थानांतरण के आदेश पर यथास्थिति का अंतरिम आदेश खारिज कर दिया।

यह भी पढ़ें: उत्तराखंड राज्य आंदोलनकारियों को आरक्षण असंवैधानिक: हाईकोर्ट 

यह भी पढ़ें: नगर निगम के विस्तार को हार्इकोर्ट में चुनौती, आठ मार्च को सुनवार्इ

यह भी पढ़ें: हार्इकोर्ट का आदेश, सुरक्षा मुहैया कराकर नाले का काम पूरा कराएं डीएम


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.