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हार्इ कोर्ट का आदेश, छह माह में तालाबों से हटाएं अतिक्रमण

हार्इकोर्ट ने निर्देश देते हुए कहा है कि छह माह के भीतर उत्तराखंड के सभी जोहड़ों अथवा तालाबों से अतिक्रमण हटाया जाए।

By Raksha PanthariEdited By: Published: Wed, 13 Jun 2018 07:51 PM (IST)Updated: Thu, 14 Jun 2018 05:14 PM (IST)
हार्इ कोर्ट का आदेश, छह माह में तालाबों से हटाएं अतिक्रमण
हार्इ कोर्ट का आदेश, छह माह में तालाबों से हटाएं अतिक्रमण

नैनीताल, [जेएनएन]: हाई कोर्ट ने छह माह के भीतर राज्य में स्थित तालाबों से अतिक्रमण हटाने के आदेश पारित किए हैं। साथ ही यह भी कहा है कि यदि तालाब के किनारे अतिक्रमण की सरकारी अभिलेखों में गलत एंट्री हुई है तो उसे ठीक करते हुए 1951 में हुए बंदोबस्त व जमींदारी विनाश उन्मूलन अधिनियम के अस्तित्व में आने से पहले की स्थिति बहाल की जाए।

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दरअसल 2011 में ग्राम रुहल्की दयालपुर भगवानपुर हरिद्वार निवासी पूर्व सैनिक कुंवरपाल सिंह ने मुख्य न्यायाधीश को पत्र भेजकर तालाबों में अतिक्रमण की वजह से भूमिगत जलस्तर में गिरावट आने का उल्लेख किया था। जिसका मुख्य न्यायाधीश द्वारा स्वत: संज्ञान लेते हुए इसे जनहित याचिका के रूप में दर्ज किया था। 

याचिका में कहा गया था कि भगवानपुर में कई छोटे-छोटे जोहड़ अथवा तालाब थे, जो 27 खतौनियों में दर्ज भी थे। इन पर अतिक्रमण कर लिया गया है, जिससे पूरे भगवानपुर क्षेत्र के भूजल में गिरावट आ गई है। बुधवार को वरिष्ठ न्यायाधीश न्यायमूर्ति राजीव शर्मा व न्यायमूर्ति लोकपाल सिंह की खंडपीठ में मामले की सुनवाई हुई। 

खंडपीठ ने सरकार को निर्देश दिए हैं कि छह माह के भीतर प्रदेश के सभी जोहड़ों अथवा तालाबों से अतिक्रमण हटाया जाए।  

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