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पिथौरागढ़ के डून्डा गांव में हो रही माइंनिग को लेकर हाई कोर्ट ने अपनाया सख्‍त रुख

हाईकोर्ट ने पिथौरागढ़ के डून्डा गांव में हो रही माइंनिग के खिलाफ दायर जनहित याचिका पर सुनवाई के बाद सरकार सहित अन्य को चार सप्ताह के भीतर जवाब द‌ाखिल करने के निर्देश दिए हैं।

By Skand ShuklaEdited By: Published: Thu, 14 Feb 2019 05:34 PM (IST)Updated: Thu, 14 Feb 2019 07:49 PM (IST)
पिथौरागढ़ के डून्डा गांव में हो रही माइंनिग को लेकर हाई कोर्ट ने अपनाया सख्‍त रुख
पिथौरागढ़ के डून्डा गांव में हो रही माइंनिग को लेकर हाई कोर्ट ने अपनाया सख्‍त रुख

नैनीताल, जेएनएन। हाईकोर्ट ने पिथौरागढ़ के डून्डा गांव में हो रही माइंनिग के खिलाफ दायर जनहित याचिका पर सुनवाई के बाद सरकार सहित अन्य को चार सप्ताह के भीतर जवाब द‌ाखिल करने के निर्देश दिए हैं।

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मुख्य न्यायाधीश रमेश रंगनाथन एवं न्यायमूर्ति आरसी खुल्बे की खंडपीठ के समक्ष मामले की सुनवाई हुई। मामले के अनुसार पिथौरागढ़ निवासी सुंदर सिंह ख‌ालिया ने हाईकोर्ट में जनहित य‌ाचिका दायर कर कहा था कि वन पंचायत डून्डू के छडनदेव नामक स्थान पर एनबी मिनरल्स की ओर से करीब वर्ष 1980 से मैगेनेसाइट का खनन कार्य किया जा रहा है। वन पंचायत डून्डू के अंतर्गत छडनदेव मैगेनेसाइट माइन को गई पर्यावरण मंजूरी में वन भूमि भी है। याचिका में कहा कि माइन से निकले मलबे से बेनाप एवं वन भूमि के वृक्षों को नुकसान हो रहा है। याचिका में कहा कि माइंनिग के लिए 3 अक्टूबर 2017 को दी गई मंजूरी से वन पंचायत को जन सुनवाई का मौका नहीं दिया गया। पर्यावरण मंजूरी से विगत वर्षों से माइन द्वारा वनों को पहुंचाए जा रहे नुकसान का बढावा मिल रहा है। याचिकाकर्ता की ओर से 3 अक्टूबर 2017 को दी गई मंजूरी को निरस्त करने व माइनिंग को तत्काल प्रभाव से बंद कराने की मांग की थी। याचिकाकर्ता की ओर से यह भी कहा गया कि सुप्रीम कोर्ट की ओर से 2012 में पारित आदेशों का भी खुला उल्लंघन है। पक्षों की सुनवाई के बाद हाईकोर्ट की खंडपीठ ने याचिका को स्वीकार करते हुए सरकार सहित अन्य को नोटिस जारी कर जवाब दाखिल करने के निर्देश‌ दिए हैं।

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