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सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट को छह माह में बनाया जाए डंपिंग ग्राउंड

हार्इ कोर्ट ने हल्द्वानी नगर निगम को आदेश दिया है कि छह महीने के भीतर सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट के लिए डंपिंग ग्राउंड बनाया जाए।

By Raksha PanthariEdited By: Published: Tue, 10 Jul 2018 08:25 PM (IST)Updated: Wed, 11 Jul 2018 02:23 PM (IST)
सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट को छह माह में बनाया जाए डंपिंग ग्राउंड
सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट को छह माह में बनाया जाए डंपिंग ग्राउंड

नैनीताल, [जेएनएन]: हाईकोर्ट ने हल्द्वानी नगर निगम को छह माह में सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट के लिए डंपिंग ग्राउंड बनाने के निर्देश दिए हैं। साथ ही गौला नदी को प्रदूषण से बचाने के लिए निर्देश दिए हैं कि वर्तमान डंपिंग ग्राउंड में कूड़ा निस्तारित न करने के निर्देश दिए हैं। 

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हल्द्वानी की जन विकास समिति की ओर से कोर्ट में जनहित याचिका दायर की। जिसमें कहा गया कि इंदिरानगर में मेडिकल वेस्ट फेंका जा रहा है और इससे लोगों को नुकसान हो रहा है। साथ ही इससे गौला नदी भी प्रदूषित हो रही है। 

वरिष्ठ न्यायाधीश राजीव शर्मा व न्यायाधीश लोकपाल सिंह की खंडपीठ के समक्ष मामले की सुनवाई हुई। जिसे सुनने के बाद कोर्ट ने कहा कि सरकार छह माह में हल्द्वानी में डंपिंग ग्राउंड बनाए। यह भी कहा गया कि जब तक डंपिंग ग्राउंड स्थापित नहीं होता है तबतक वर्तमान जगह पर कूड़ा निस्तारित न किया जाए।

इसके साथ ही पीठ ने राज्य सरकार को निर्देश दिया कि सरकार बायो मेडिकल वेस्ट रूल्स के प्रावधानों का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ कार्रवार्इ करे। ऐसे अस्पतालों, लेबोरेट्री और क्लीनिकों का पंजीकरण निरस्त करें। सरकार तीन माह में राज्य स्तरीय व जिलास्तरीय मॉनीटरिंग कमेटियों का गठन करे। इसके साथ ही उल्लंघन करने वालों के खिलाफ पर्यावरण संरक्षण अधिनियम के तहत कार्रवार्इ करें।

वहीं, हार्इकोर्ट ने प्रदेश के सभी निकायों को निर्देश दिए कि गर्मियों में सुबह छह बजे और सर्दियों में सुबह सात बजे से पहले कूड़ादानों और डंपरों को खाली किया जाए। साथ ही यह भी सुनिश्चित करें कि कूड़ेदानों-डंपरों से कूड़ा बाहर न गिरे। खंडपीठ ने रात की अवधि में काम करने वाले कर्मचारियों को आवश्यक उपकरण भी उपलब्ध कराने को कहा है। 

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