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हाईकोर्ट का आदेश, संडे बाजार मामले की दोबारा जांचकर दो सप्ताह में पेश करें रिपोर्ट

देहरादून परेड ग्राउंड व तिब्बती बाजार के सामने लगने वाले सन्डे बाजार को लेकर दायर याचिका पर गुरुवार को हाईकोर्ट ने सुनवाई की।

By Skand ShuklaEdited By: Published: Thu, 17 Sep 2020 02:53 PM (IST)Updated: Thu, 17 Sep 2020 02:53 PM (IST)
हाईकोर्ट का आदेश, संडे बाजार मामले की दोबारा जांचकर दो सप्ताह में पेश करें रिपोर्ट
हाईकोर्ट का आदेश, संडे बाजार मामले की दोबारा जांचकर दो सप्ताह में पेश करें रिपोर्ट

नैनीताल, जेएनएन : देहरादून परेड ग्राउंड व तिब्बती बाजार के सामने लगने वाले सन्डे बाजार को लेकर दायर याचिका पर गुरुवार को हाईकोर्ट ने सुनवाई की। आदेश का अनुपालन नहीं करने को लेकर दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने नगर आयुक्त सुशील कुमार, जिलाधिकारी आशीष श्रीवास्तव से दोबारा मामले की जांच कर दो सप्ताह में जवाब पेश करने को कहा है।

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न्यायाधीश न्यायमूर्ति शरद कुमार शर्मा की एकलपीठ में गुरुवार को सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता के अधिवक्ता ने कोर्ट को बताया कि पूर्व के आदेश पर दोनों अधिकारियों ने कोई भी जांच नहीं की। इसलिए इसकी दोबारा से इसकी जाँच कराई जाए। देहरादून के वीकली सन्डे बाजार वेलफेयर एसोसिएशन के अध्यक्ष हीरा लाल ने अवमानना याचिका दायर की है। जिसमें उन्होंने कहा है कि वे देहरादून के परेड ग्राउंड के पीछे और तिब्बती मार्किट के सामने 2004 से हर रविवार को बाजार लगा लगता है। जिसमें करीब तीन सौ से अधिक लोग दुकान लगाते हैं। दुकानदार इसके लिए हर महीन नगर निगम को तीन सौ रुपए प्रति दुकान के हिसाब से किराया देते हैं।

2004 में जिलाधिकारी द्वारा यह जगह उनको सन्डे बाजार लगाने के लिए दी गई थी लेकिन नगर निगम द्वारा प्रशासन से मिलकर जनहित याचिका में पारित आदेश का हवाला देते हुए उनको हटा दिया गया है। कुछ रसूखदार लोगों को नगर निगम द्वारा अन्य जगह दुकान भी दे दी गई । याचिका में यह भी कहा गया है कि रिववार को पूरा बाजार बन्द रहता और ट्रैफिक भी कम होती है। जिससे सन्डे बाजार लगाने से गरीब लोगों को सस्ते में सामान मिल जाते हैं और कई लोगों को रोजगार भी मिलता है।

समिति का यह भी कहना है कि उनके नाम से एक अन्य समिति वहाँ फर्जी तरीके से नगर निगम के अधिकारियों के साथ मिलकर चल रही है जिसकी जांच कर उनके खिलाफ कानूनी कार्यवाही की जाए। पूर्व में हाइकोर्ट की खण्डपीठ ने उनकी याचिका पर आदेश दिए थे कि उनके प्रत्यावेदन को नगर निगम व जिलाधिकारी दो माह में निस्तारित करें और यह भी जांच करें कि सही कमेटी कौन सी है। लेकिन अभी तक उनके प्रत्यावेदन पर कोई भी निर्णय नहीं लिया गया।


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