तीस रुपए के लिए हत्या मामले में सजा काट रहा शख्स बरी
हार्इकोर्ट ने हत्या केे मामले में सजा काट रहे एक अभियुक्त को बरी कर दिया है। कोर्ट ने पोस्टमार्टम रिपोर्ट के आधार पर यह फैसला सुनाया।
नैनीताल, [जेएनएन]: सिर्फ 30 रुपये को लेकर हुए विवाद में हत्या के मामले में निचली कोर्ट के फैसले पर आजीवन कारावास की सजा काट रहे एक अभियुक्त को हाई कोर्ट ने बरी करने व दूसरे को छह दिसंबर को कोर्ट में पेश करने के आदेश जेल अधीक्षक को दिए हैं।
दरअसल, पिछले साल तीन फरवरी को हल्द्वानी के बनभूलपुरा निवासी फिरोज खान ने प्राथमिकी दर्ज कराई थी। फिरोज के अनुसार वह और उसके पिता दुकान पर थे, इसी समय हल्द्वानी निवासी पुत्तन की बेटी 50 रुपये का नोट लेकर दुकान पर आई। उसने 20 रुपये का सामान खरीदा तो पिता ने 30 रुपये लौटा दिए। जब पुत्तन की बेटी घर पहुंची तो उसकी मां ने सामान खरीदने के बाद बचे रुपये वापस मांगे तो बेटी ने 30 रुपये दुकानदार द्वारा वापस नहीं करने की बात कही। इस पर पुत्तन और उसका बेटा आदिल आगबबूला होकर दुकान पर धमक गए और लाठी-डंडे से वार कर वादी के पिता शमीम व मां पर हमला बोल दिया। डंडे के वार से शमीम की मौत हो गई।
इस मामले में इसी साल 29 अप्रैल को निचली कोर्ट ने पुत्तन व उसके बेटे को आजीवन कारावास की सजा सुनाई। अभियुक्तों द्वारा निचली कोर्ट के फैसले के खिलाफ हाई कोर्ट में अपील की गई। वरिष्ठ न्यायाधीश न्यायमूर्ति राजीव शर्मा व न्यायमूर्ति आलोक सिंह की खंडपीठ ने सुनवाई के दौरान मृतक की पोस्टमार्टम रिपोर्ट में पाया कि शमीम की मौत दिल का दौरा पड़ने से हुई ना कि लाठी-डंडे के वार से। कोर्ट ने इसी आधार पर पुत्तन को संदेह का लाभ देते हुए दोषमुक्त करार दिया। जबकि उसके बेटे आदिल को छह दिसंबर को कोर्ट में पेश करने के आदेश पारित किए।
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