सार्वजनिक स्थानों पर अश्लील पोस्टर चिपकाने पर हार्इकोर्ट का बड़ा फैसला, जानिए
हार्इकोर्ट ने सार्वजनिक स्थानों पर लगने वाले अश्लील पोस्टर पर सख्त रुख अपनाया है। कोर्ट ने सेंसर बोर्ड को इसपर अंकुश के लिए निर्देश दिए हैं।
नैनीताल, [जेएनएन]: नैनीताल हाई कोर्ट ने फिल्मों में बढ़ती अश्लीलता को गंभीरता से लेते हुए सेंसर बोर्ड को इसपर अंकुश के लिए सिनेमेटोग्राफ एक्ट का पालन कर प्रमाण पत्र जारी करने के निर्देश दिए हैं। कोर्ट ने सभी जिलाधिकारियों को सार्वजनिक स्थानों पर अश्लील पोस्टर चिपकाना प्रतिबंधित करने का आदेश पारित किए हैं। साथ ही प्रदेश के पुलिस महानिदेशक को शराब, ड्रग्स इत्यादि को महिमामंडित करने वाले गानों व लाइव शो को भी राज्य में प्रतिबंधित करने के सख्त आदेश दिया।
हरियावाला ऊधमसिंह नगर निवासी राकेश कुमार ने जनहित याचिका दायर कर कहा था कि सार्वजनिक स्थान पर लगे अश्लील पोस्टरों तथा सिनेमाहाल में प्रदर्शित हो रही ए श्रेणी की फिल्मों से 12 साल से कम आयु वर्ग के बच्चों पर बुरा प्रभाव पड़ रहा है। लिहाजा अश्लील फिल्मों व पोस्टरों पर रोक लगाई जाए।
बुधवार को वरिष्ठ न्यायाधीश न्यायमूर्ति राजीव शर्मा व न्यायमूर्ति लोकपाल सिंह की खंडपीठ ने मामले को सुनने के बाद प्रदेश के जिलाधिकारियों को सार्वजनिक स्थानों पर अश्लील पोस्टर चिपकाना प्रतिबंधित करने के निर्देश दिए। साथ ही सिनेमाहाल में 12 साल से कम आयु के बच्चों को ए श्रेणी की फिल्में देखने से रोकने को कहा है।
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