हाई कोर्ट ने खारिज की बीआरसी-सीआरसी समन्वयकों की याचिका, जाना होगा मूल पदों पर
हाई कोर्ट ने ब्लॉक संसाधन केंद्र व संकुल संसाधन केंद्र समन्वयकों के पदों पर सहायक अध्यापकों की नियुक्ति को खत्म कर मूल पद पर भेजने के शासनादेश को सही ठहराया है।
नैनीताल, ज्ेएनएन : हाई कोर्ट ने सर्व शिक्षा अभियान के अंतर्गत नियुक्त ब्लॉक संसाधन केंद्र व संकुल संसाधन केंद्र समन्वयकों के पदों पर सहायक अध्यापकों की नियुक्ति को खत्म कर मूल पद पर भेजने के शासनादेश को सही ठहराया है। इसके साथ ही कोर्ट ने बीआरसी-सीआरसी समन्वयकों की याचिका खारिज कर दी है। हाई कोर्ट ने यह फैसला 27 अप्रैल को ही सुना दिया था, लेकिन आदेश तीन मई को जारी किए गए।
उत्तरकाशी निवासी राजमोहन सिंह रावत व अन्य ने याचिका दायर कर कहा था कि सरकार ने पिछले साल 25 जनवरी को विज्ञप्ति जारी की थी, जिसके तहत बीआरसी व सीआरसी अभ्यर्थियों को हटाकर व न्यायालय के अनावश्यक वादों से निजात पाने के लिए उनके स्थान पर उपशिक्षा अधिकारी व प्रधानाचार्यों को कार्यभार दे दिया। बीआरसी-सीआरसी समन्वयकों ने इसका विरोध करते हुए हाई कोर्ट में याचिका दायर की। उन्होंने कहा कि उनकी इन पदों पर नियमानुसार नियुक्ति हुई है। वह अपने मूल पद से कार्यमुक्त हो गए थे। केंद्र सरकार ने सर्व शिक्षा अभियान 2020 तक बढ़ा दिया है, इसलिए उन्हें तब तक पद पद बने रहने दिया जाए। सरकारी अधिवक्ता ने इस दलील का विरोध करते हुए कहा कि स्कूलों में शिक्षकों की कमी के कारण प्रतिनियुक्ति पर तैनात शिक्षकों को मूल पदों पर वापस भेजा जा रहा है। न्यायाधीश न्यायमूर्ति मनोज कुमार तिवारी की एकलपीठ ने मामले को सुनने के बाद सरकार के आदेश को सही ठहराते हुए सीआरसी-बीआरसी समन्वयकों की याचिका खारिज कर दी।
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