हाई कोर्ट का निर्देश नर्सों को फार्मेसिस्टों के समान वेतन देने पर प्रदेश सरकार करे विचार
हाई कोर्ट ने नर्सेज को फार्मेसिस्ट के समान वेतनमान देने संबंधी डीजी हेल्थ की संस्तुति पर विचार कर दस सप्ताह में वेतन निर्धारण संबंधी निर्णय लेने के निर्देश दिए ।
नैनीताल, जेएनएन : हाई कोर्ट ने नर्सेज एसोसिएशन की याचिका पर सुनवाई करते हुए सचिव चिकित्सा एवं परिवार कल्याण को नर्सेज को फार्मेसिस्ट के समान वेतनमान देने संबंधी डीजी हेल्थ की संस्तुति पर विचार कर दस सप्ताह में वेतन निर्धारण संबंधी निर्णय लेने के निर्देश दिए हैं।
उत्तराखंड नर्सेज एसोसिएशन ने याचिका दायर कर फार्मेसिस्टों की तर्ज पर 5400 ग्रेड पे देने की मांग की थी। कहा कि उनकी योग्यता और कार्य दायित्व उच्चतर हैं। सरकार ने याचिका का विरोध करते हुए कहा कि नर्सेज और फार्मेसिस्ट का कार्य अलग-अलग है। दोनों की तुलना नहीं की जा सकती, इसलिए नर्सेज को फार्मेसिस्ट के समान ग्रेड वेतन नहीं दिया जा सकता। नर्सेज एसोसिएशन का कहना था कि चौथे, पांचवें व छठे वेतनमान में उनको व फार्मेसिस्टों को एक समान श्रेणी में रखा गया था मगर 2013 में फार्मेसिस्टों केा 5400 गे्रड वेतन दिया गया जबकि नर्सेज एसोसिशन को इसका लाभ नहीं दिया गया।
26 दिसंबर 2013 केा महानिदेशक चिकित्सा एवं स्वास्थ्य द्वारा राज्य सरकार को संस्तुति भेजी कि नर्सेज को फार्मेसिस्टों के समान 5400 गे्रड वेतन दिया जाए मगर सरकार द्वारा अब तक यह वेतनमान नहीं दिया गया, जिस कारण उच्च न्यायालय में याचिका दायर की। न्यायाधीश न्यायमूर्ति मनोज कुमार तिवारी की एकलपीठ ने मामले को सुनने के बाद सरकार को डीजी हेल्थ की संस्तुति के अनुसार नर्सेज को फार्मेसिस्ट के समान वेतन देने के मामले में विचार कर दस सप्ताह के भीतर वेतनमान निर्धारण करने के निर्देश दिए।
यह भी पढ़ें : पत्नी के मौत की ये कहानी लग रही है कुछ अजीब, जानिए आखिर क्या है पूरा मामला
यह भी पढ़ें : उत्तराखंड विधि विवि स्थापना मामले में राज्य सरकार को सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत
लोकसभा चुनाव और क्रिकेट से संबंधित अपडेट पाने के लिए डाउनलोड करें जागरण एप