स्वतंत्रता सेनानी की पत्नी को चार सप्ताह के अंदर पेंशन देने का हाई कोर्ट ने दिया निर्देश
देहरादून के स्वतंत्रता सेनानी सतेश्वर शर्मा के जीवनकाल का पेंशन और अन्य सुविधाएं देने तथा 3.5 लाख अर्थदंड लगाने के एकलपीठ के आदेश के खिलाफ सरकार ने विशेष अपील दायर की है।
नैनीताल, जेएनएन : देहरादून के स्वतंत्रता सेनानी सतेश्वर शर्मा के जीवनकाल का पेंशन और अन्य सुविधाएं देने तथा 3.5 लाख अर्थदंड लगाने के एकलपीठ के आदेश के खिलाफ सरकार ने विशेष अपील दायर की है। वहीं हाई कोर्ट ने मामले में सरकार को चार सप्ताह के भीतर पेंशन देने को कहा है, साथ ही साफ किया है कि यदि इस अवधि में पेंशन का भुगतान नहीं किया गया तो सरकार को 3.50 लाख जुर्माने का भुगतान भी करना होगा।
एकलपीठ ने दिवंगत सतेश्वर शर्मा की पत्नी राजेश्वरी शर्मा को 1981 से अब तक की पेंशन का भुगतान एक माह के भीतर करने के निर्देश दिए थे। राजेश्वरी ने याचिका दायर कर कहा था कि उन्होंने 1942 के भारत छोड़ो आंदोलन में इंटर में पढ़ाई के दौरान सक्रिय रूप से हिस्सा लिया था। 40 दिन जेल में भी रहे। इस वजह से उन्हें कॉलेज से भी निष्कासित कर दिया गया। याची के अनुसार उनके पति ने 1975 की पेंशन नियमावली के अनुसार पेंशन आदि सुविधा के लिए आवेदन किया था लेकिन सरकार ने आवेदन पर कोई कार्यवाही नहीं की। पेंशन के लिए तत्कालीन पीएम इंदिरा गांधी से लेकर तमाम प्रधानमंत्री व मंत्रियों से भी गुहार लगाई गई। उनके पास जेल जाने के प्रमाण पत्र भी थे। पेंशन की उम्मीद में पिछले साल सतेश्वर शर्मा का निधन हो गया था। एकलपीठ ने मामले को सुनने के बाद सरकार को एक माह के भीतर पेंशन भुगतान करने के निर्देश दिए थे। साथ ही जुर्माना भी लगाया था। एकलपीठ के इस आदेश को भी सरकार ने विशेष अपील दायर कर चुनौती दी है। मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति रमेश रंगनाथन व न्यायमूर्ति एनएस धानिक की खंडपीठ ने सरकार को चार सप्ताह के भीतर पेंशन भुगतान करने के निर्देश दिए हैं। साथ ही साफ कहा है कि यदि भुगतान नहीं किया तो जुर्माने की रकम का भुगतान भी करना होगा।
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