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हाईकोर्ट ने सरकार को पुजारियों व पुरोहितों को आर्थिक मदद करने के दिए निर्देश

हाईकोर्ट ने राज्य में मंदिर के पुजारियों व पुरोहितों को आर्थिक मदद देने का निर्णय लेने के निर्देश सरकार को दिए हैं।

By Skand ShuklaEdited By: Published: Wed, 15 Jul 2020 04:21 PM (IST)Updated: Wed, 15 Jul 2020 04:21 PM (IST)
हाईकोर्ट ने सरकार को पुजारियों व पुरोहितों को आर्थिक मदद करने के दिए निर्देश
हाईकोर्ट ने सरकार को पुजारियों व पुरोहितों को आर्थिक मदद करने के दिए निर्देश

नैनीताल, जेएनएन : हाईकोर्ट ने राज्य में मंदिर के पुजारियों व पुरोहितों को आर्थिक मदद देने का निर्णय लेने के निर्देश सरकार को दिए हैं। हाई कोर्ट ने याचिकाकर्ता को आदेश दिया है कि वो अपना प्रत्यावेदन सरकार को दें जिसके बाद सरकार इस पर चार हफ्ते में निर्णय ले सकती है। दरअसल सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ता रिशेष सिकरवार ने जनहित याचिका दाखिल कर कहा है कि राज्य सरकार की ओर से पर्यटन से जुड़े नाव, होटल गाइड, रेहड़ी पटरी दुकानदारों को एक हजार की आर्थिक सहायता दी जा रही है, जबकि मंदिरों के पुजारियों को इसमें छोड़ दिया गया है। याचिका में कहा गया है कि राज्य में इन लोगों की धार्मिक पर्यटन में बड़ी जिम्मेदारी है और लॉक डाउन ने धार्मिक टूरिज्म पर भी असर डाला है। याचिका में कहा गया था कि अन्य कारोबारियों के साथ पुजारियों को भी आर्थिक मदद दी जाए।

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कोरोना वायरस के कारण लगे लॉकडाउन और फिर अनलॉक में भी धार्मिक गतिविधियों के शिथिल पड़ने के कारण मंदिरों के पुजारी और धार्मिक कर्मकांड करने वाले पंडितों की दक्षिणा पर विराम लग गया है।  इसके चलते पंडितों और पुजारियों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। हालांकि ट्रस्ट के अंतर्गत आने वाले कुछ मंदिरों के पुजारियों को तो मानदेय मिल रहा है,  लेकिन शहर में बहुत से ऐसे मंदिर हैं, जहां पर पुजारियों की आय का मुख्य स्रोत श्रद्धालुओं से मिलने वाली दक्षिणा ही है। घर-घर जाकर धार्मिक अनुष्ठान और वैवाहिक आयोजन पर मिलने वाली दानदक्षिणा से परिवार का भरण-पोषण करने वाले कर्मकांडी पंडितों की आय पर भी लॉकडाउन ने ताला लगा रखा है। 

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