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हाई कोर्ट का सरकार से सवाल, किस आदेश के तहत काट रहे कर्मचारियों का वेतन

कोविड-19 से जंग के लिए राज्य के सरकारी कर्मचारियों का हर माह एक दिन का वेतन काटने के मामले में हाई कोर्ट ने सरकार से पूछा है कि किस अधिकार के तहत उसने यह आदेश पारित किया है।

By Skand ShuklaEdited By: Published: Thu, 25 Jun 2020 11:59 AM (IST)Updated: Thu, 25 Jun 2020 11:59 AM (IST)
हाई कोर्ट का सरकार से सवाल, किस आदेश के तहत काट रहे कर्मचारियों का वेतन
हाई कोर्ट का सरकार से सवाल, किस आदेश के तहत काट रहे कर्मचारियों का वेतन

नैनीताल, जेएनएन : कोविड-19 से जंग के लिए राज्य के सरकारी कर्मचारियों का हर माह एक दिन का वेतन काटने के मामले में हाई कोर्ट ने सरकार से पूछा है कि किस अधिकार के तहत उसने यह आदेश पारित किया है। यह बताने के लिए कोर्ट ने सरकार को दो दिन का समय दिया है। अगली सुनवाई शुक्रवार को होगी।

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देहरादून में पेशे से डाटा एंट्री ऑपरेटर दीपक बेनीवाल व अन्य ने याचिका दायर कर सरकार के वित्त सचिव की ओर से 29 मई को जारी उस शासनादेश को चुनौती दी है, जिसमें राज्य के विभागों, सरकारी, शासकीय-सहायता प्राप्त शिक्षण संस्थान, प्राविधिक शिक्षण संस्थान, निगम, निकायों, सार्वजनिक उपक्रम व स्वायत्तशासी संस्था कर्मचारियों के वेतन में फरवरी 2021 तक हर माह एक दिन का वेतन काटने का आदेश दिया गया है।

बुधवार को न्यायाधीश न्यायमूर्ति सुधांशु धूलिया की एकलपीठ में वीसी के माध्यम से हुई सुनवाई में याचिकाकर्ता के अधिवक्ता शशांक पांडे ने कोर्ट को बताया कि वेतन कर्मचारी की निजी संपत्ति है। सरकार को वेतन काटकर उसे सीएम राहत कोष में जमा करने का आदेश जारी करने का अधिकार नहीं है।

एकलपीठ ने मामले को सुनने के बाद दो दिन में सरकार को यह बताने को कहा है कि किस आधार पर यह शासनादेश जारी किया गया है। इस शासनादेश की जद में दो लाख से अधिक कर्मचारी आ रहे हैं। तमाम कर्मचारी संगठन सरकार के इस फैसले का विरोध कर रहे हैं। उनका कहना है कि कटौती स्वैच्छिक होनी चाहिए।

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