देहरादून में नदियों, तालाबों व नालों पर अतिक्रमण पर क्या किया, फोटो के साथ पेश करें रिपोर्ट
encroachment on water sources हाईकोर्ट ने देहरादून के जल स्त्रोतों पर अतिक्रमण के मामले में सुनवाई की। याचिका में पहाड़ के नदी नाले व तालाबों पर अतिक्रमण को लेकर याचिका दायर की गई थी। हाईकोर्ट ने सरकार के साथ कार्रवाई की प्रगति रिपोर्ट तलब की है।
जागरण संवाददाता, नैनीताल। encroachment on water sources हाई कोर्ट ने देहरादून में नदियों, तालाब व नालों पर अतिक्रमण के विरुद्ध दायर जनहित याचिका पर सुनवाई की।
हाईकोर्ट ने दिए जांच के आदेश
मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति विपिन सांघी व न्यायमूर्ति आरसी खुल्बे की खंडपीठ ने सरकार को सचिव वन, सचिव शहरी विकास व सचिव राजस्व को इस मामले की जांच करने के निर्देश दिए हैं।
कोर्ट ने अतिक्रमण को हटाने के लिए क्या-क्या कदम उठाए गए हैं। फोटोग्राफ सहित इसकी विस्तृत रिपोर्ट 11 अक्टूबर तक कोर्ट में पेश करने को कहा है। साथ ही याचिकाकर्ता को इस रिपोर्ट का गहनता से जांच करने को कहा है।
सरकार ने भी स्वीकारा अतिक्रमण
सुनवाई में राज्य सरकार ने अपने शपथपत्र में स्वीकार किया कि दून वैली में लगभग 270 एकड़ नदी भूमि पर अतिक्रमण किया हुआ है। मामले की अगली सुनवाई 11अक्टूबर की तिथि नियत की है।
याची ने की थी अतिक्रमण की शिकायत
देहरादून नगर निगम के राजपुर क्षेत्र की पार्षद उर्मिला थापा ने जनहित याचिका दायर कर कहा है कि राजपुर क्षेत्र के नालों, खालों और ढांग पर बेइंतहां अतिक्रमण और अवैध निर्माण किया गया। देहरादून में 100 एकड़, विकासनगर में 140 एकड़, ऋषिकेश में 15 एकड़, डोईवाला में 15 एकड़ करीब नदियों की भूमि पर अतिक्रमण किया है। याचिकाकर्ता ने न्यायालय को बताया गया की इनका साइज़ 203 फुटबॉल फील्ड के बराबर है, इसलिए इसे शीघ्र हटाया जाए।
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हरिद्वार में डेढ़ करोड़ गबन पर सरकार से मांगा जवाब
हाईकोर्ट ने हरिद्वार जिले के रुड़की व बहादराबाद विकास खंड में ग्राम निधि का प्रशासकों की ओर से दुरुपयोग करने व करीब डेढ़ करोड़ की धनराशि का गबन करने के मामले की जांच की मांग को लेकर दायर जनहित याचिका की सुनवाई की। कोर्ट ने सरकार से चार सप्ताह में जबाव दायर करने के निर्देश दिए हैं।
बुधवार को मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति विपिन सांघी व न्यायमूर्ति आरसी खुल्बे की खंडपीठ में मुंडाखेड़ा लक्सर हरिद्वार निवासी आदेश कुमार की याचिका पर सुनवाई हुई। जिसमें कहा कि हरिद्वार में पंचायत चुनाव समय पर नहीं होने के कारण पंचायतों को प्रशासकों के हवाले किया गया है।
रुड़की व बहादराबाद विकास खण्ड का चार्ज एक सहायक विकास अधिकारी पंचायत के पास था, जिन्होंने ग्राम पंचायत अधिकारी,अवर अभियंता के साथ ग्राम निधि को खुर्द बुर्द किया है । जिसकी जनवरी 2022 के बाद हुए कार्यों की जांच की जाए।