हाई कोर्ट ने साक्ष्य के अभाव में दुराचार मामले में सजायाफ्ता अभियुक्त को बरी किया
हाई कोर्ट ने साक्ष्य के अभाव में निचली अदालत से दुराचार मामले में सजायाफ्ता अभियुक्त को बरी कर दिया है।
By Skand ShuklaEdited By: Published: Thu, 14 Mar 2019 07:44 PM (IST)Updated: Thu, 14 Mar 2019 07:44 PM (IST)
नैनीताल, जेएनएन : हाई कोर्ट ने साक्ष्य के अभाव में निचली अदालत से दुराचार मामले में सजायाफ्ता अभियुक्त को बरी कर दिया है। अभियोजन के अनुसार 11 मई 2015 को धारी तहसील क्षेत्र के व्यक्ति ने रिपोर्ट लिखाई थी कि वह पड़ोस के गांव के नितिन की शादी में शामिल होने गया था। आरोपित हरीश पुत्र पुरुषोतम निवासी ल्वाड़ डोबा द्वारा उसकी बेटी के साथ दुष्कर्म किया गया। 28 जून 2016 को निचली कोर्ट ने अभियुक्त हरीश को दुराचार का दोषी करार देते हुए आठ साल सश्रम कारावास व दस हजार अर्थदंड की सजा सुनाई थी। निचली अदालत के आदेश को अभियुक्त द्वारा हाई कोर्ट में विशेष अपील दायर कर चुनौती दी। न्यायाधीश न्यायमूर्ति आलोक सिंह की एकलपीठ ने पर्याप्त साक्ष्य नहीं होने के अभाव में निचली कोर्ट के आदेश को निरस्त करते हुए अभियुक्त को दोषमुक्त करार दिया।
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