यहां किताबें व शिक्षक के अलावा दीवारें भी देती हैं सीख
शिक्षकों ने स्कूल भवन की दीवारों पर आकर्षक पेंटिंग उकेर कर बच्चों को नए तरीके से पढ़ा रहे हैं। इस पहल से दीवारों को खूबसूरत रूप मिला है तो लोगों को सामाजिक संदेश।
गणेश पांडे, हल्द्वानी : बाल मन कल्पनाशील होता है। आसपास का माहौल बाल कल्पनाओं में सजीवता का रंग भरता है। कुछ इसी मंशा से शिक्षकों ने स्कूल भवन की दीवारों पर आकर्षक पेंटिंग उकेर दी। सरकारी स्कूल की पहल से भवन की पुरानी दीवारों को खूबसूरत रूप मिला है तो लोगों को सामाजिक संदेश। शिक्षा विभाग से 'लर्निंग कॉर्नरÓ के लिए मिलने वाली पांच हजार रुपये की सहयोग राशि का प्राथमिक विद्यालय रानीबाग ने बखूबी प्रयोग किया है। तीन हजार रुपये में बच्चों के लिए छोटी लाइब्रेरी स्थापित की गई है।
वहीं, कुछ अन्य मद का पैसा मिलाने के बाद कक्षा कक्ष की दीवारों को आकर्षक पेंटिंग से सजाया गया है। इसमें फूलों के मनमोहक चित्र हैं तो सकारात्मक ऊर्जा देने वाले स्लोगन भी। इसी तरह स्कूल की बाउंड्री वॉल पर बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ, शिक्षा का अधिकार, स्वच्छ भारत अभियान जैसे सामाजिक संदेश देने वाले स्लोगन उकेरे हैं। बेहद खूबसूरत अंदाज में उभारे गए चित्र आने जाने वालों का ध्यान बरबस ही अपनी ओर खींच लेती हैं।
लाइब्रेरी में बीतता है आधा घंटा : रानीबाग विद्यालय की प्रधानाध्यापिका साजिया खातून, शिक्षक दीपक नौगाई 'अकेलाÓ बताते हैं बच्चों को क्रिएटिव बनाने में पहल सराहनीय साबित हो रही है। स्कूल में 27 बच्चे पढ़ते हैं। आखिरी वादन में बच्चे लाइब्रेरी से किताबें पढ़ते हैं। आधा घंटा उनका पुस्तकालय में बीतता है।
दूसरे विद्यालयों भी पहुंच रही अलख : नेकी की मुहिम रानीबाग विद्यालय तक ही सीमित नहीं है, दूसरे स्कूलों में भी ऐसे प्रयोग जारी हैं। सुदूरवर्ती बेतालघाट ब्लॉक के प्राथमिक विद्यालय घिरौली में स्वच्छ भारत का संदेश देने के साथ ही किचन गार्डन विकसित किया गया है। फुलवारी ध्यान खीचंती है।
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