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अगर सांप ने काट लिया है तो घबराएं नहीं, तुरत करें ये उपाय

अगर सांप काट ले तो घबराइए नहीं, बल्कि पीड़ित को तुरंत अस्पताल ले जाएं। क्योंकि डर सबसे बड़ा जहर है।

By Raksha PanthariEdited By: Published: Mon, 16 Jul 2018 04:08 PM (IST)Updated: Tue, 17 Jul 2018 05:31 PM (IST)
अगर सांप ने काट लिया है तो घबराएं नहीं, तुरत करें ये उपाय
अगर सांप ने काट लिया है तो घबराएं नहीं, तुरत करें ये उपाय

हल्द्वानी, [जेएनएन]: भारत में पाए जाने वाले 70 से 80 फीसद सांप जहरीले नहीं होते, लेकिन इलाज में लापरवाही से स्नेक बाइट का शिकार हुए लोगों की जान पर बन आती है। स्नेक बाइट के 50 प्रतिशत मामलों में व्यक्ति के शरीर में जहर नहीं पाया गया। सांप के काटने पर पीड़ित व्यक्ति को चार घंटे के भीतर इलाज मिलना चाहिए। 

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दैनिक जागरण के हैलो डॉक्टर कार्यक्रम में डॉ. सुशीला तिवारी राजकीय चिकित्सालय में मेडिसिन विभाग के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. परमजीत सिंह ने पाठकों को फोन पर स्नेक बाइट से बचाव, लक्षण और उपचार के बारे में परामर्श दिया। उन्होंने कहा कि जहर से ज्यादा खतरनाक स्नेक बाइट का डर है। घबराने के बजाय संयम से काम लेना चाहिए।

 इन्होंने पूछे सवाल

रमेश चंद्र बिष्ट हल्दूचौड़, शैलेन्द्र कुमार रुद्रपुर, डीडी पांडे बागेश्वर, राजेन्द्र बिंदुखत्ता, दलवीर सिंह जागेश्वर, ईश्वर दत्त बृजवासी पंतनगर, मुन्नवर साहिर लामाचौड़, रेखा हल्द्वानी, प्रेम सिंह थापा पिथौरागढ़, अमन जीत सिंह खटीमा, गोविंद सिंह बागेश्वर, सुरेश धामी पिथौरागढ़, जीवन जोशी अल्मोड़ा।

बिल्कुल न घबराएं

यह सबसे पहली और जरूरी बात है कि सांप अगर काट ले तो बिल्कुल भी घबराएं नहीं। झाड़-फूंक में समय गंवाने से अच्छा है कि तुरंत अस्पताल में मरीज को भर्ती करें। भारत में कोबरा, करैत, वाइपर और रसेल वाइपर यह चार तरह के सांप ज्यादा हैं। कई बार ऐसा भी होता है कि रात को कोई व्यक्ति बिल्कुल सामान्य तरीके से सोया हो और सुबह उसके मुंह से झाग निकलता पाया गया हो। यह स्नेक बाइट का मामला हो सकता है। स्नेक बाइट के ज्यादातर मामलों में मरीज सही उपचार के बाद ठीक हो जाता है। सांप काटने के कुछ मामलों में एंटी वेनम की आवश्यकता नहीं होती है। 

एसटीएच में जून में ही 50 केस आए

डॉ. परमजीत ने बताया कि एसटीएच में विगत वर्ष स्नेक बाइट के दो सौ मामले आए थे, जबकि इस साल बीते जून माह में 50 मामले आए। इनमें एक भी मामले में मरीज की मौत नहीं हुई और सामान्य तरीके से स्नेक बाइट से पीड़ित मरीजों का उपचार किया गया।

 बचाव के लिए अपनाएं ये उपाय 

घर के आसपास साफ-सफाई रखें।

घर को मेढक और चूहों से मुक्त रखें। 

सांप को पकड़ने व मारने की कोशिश न करें।

रात में घर के बाहर लाइट ऑन करके रखें। 

रात में बहार निकलते समय अपने साथ टॉर्च रखें।

लाठी और पैरों से तेज आवाज करते हुए घास वाली जगह से गुजरें। 

घर के आसपास ब्लीचिंग व चूना पाउडर डालें। 

कूड़े के ढेर पर फिनायल का छिड़काव करें। 

खिड़कियां व दरवाजे को छूती पेड़ की टहनियों से घर में सांप घुसने का खतरा रहता है।

ध्यान रखें, तुरंत अस्तपाल पहुंचाएं

तुरंत नजदीकी अस्पातल में मरीज का उपचार कराएं। 

घाव को बिल्कुल भी धोना नहीं चाहिए। 

शरीर के जिस अंग पर सांप ने काटा है वहां चीरा न लगाएं। 

घास के ऊपर या नीचे कपड़ा व धागा नहीं बांधना चाहिए।

बदन पर टाइट कपड़े हैं तो उन्हें ढीला कर दें।

हाथ की अंगुलियों से अंगूठी हटा दें।

जूतों को ढीला कर दें, मरीज को लेटा दें। 

जिस स्थान पर काटा है उसे हृदय से नीचे की तरफ रखें। मरीज को बिल्कुल भी पैदल न चलाएं।

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