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न्यू ईयर से पहले चांदी सा चमक उठा हिमालय, पर्यटकों के लिए उत्तराखंड की वादियां तैयार

नैनीताल मुक्तेश्वर मुनस्यारी समेत ऊंचाई वाले पर्वतीय इलाकों में जोरदार हिमपात से थर्टी फस्र्ट मनाने के लिए पहुंचे पर्यटकों के चेहरे भी खिल गए। ऊंचाई वाले इलाकों में न्यूनतम तापमान शून्य से दो डिग्री के बीच पहुंच गया।

By Prashant MishraEdited By: Published: Wed, 29 Dec 2021 11:34 PM (IST)Updated: Wed, 29 Dec 2021 11:34 PM (IST)
न्यू ईयर से पहले चांदी सा चमक उठा हिमालय, पर्यटकों के लिए उत्तराखंड की वादियां तैयार
ऊंचाई वाले इलाकों में न्यूनतम तापमान शून्य से दो डिग्री के बीच पहुंच गया।

जागरण टीम, हल्द्वानी : मौसम विभाग के पूर्वानुमान के मुताबिक मंगलवार रात से हुए हिमपात ने कुमाऊं की चोटियों को लकदक कर दिया। नैनीताल, मुक्तेश्वर, मुनस्यारी समेत ऊंचाई वाले पर्वतीय इलाकों में जोरदार हिमपात से थर्टी फस्र्ट मनाने के लिए पहुंचे पर्यटकों के चेहरे भी खिल गए। ऊंचाई वाले इलाकों में न्यूनतम तापमान शून्य से दो डिग्री के बीच पहुंच गया। 

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पश्चिमी विक्षोभ की सक्रियता से मंगलवार को मैदानी क्षेत्रों से लेकर पहाड़ तक बादल छाए रहे। वहीं रात से तराई व मैदान में बारिश शुरू हुई तो नैनीताल, मुक्तेश्वर, पिथौरागढ़, मुनस्यारी के अलावा बागेश्वर एवं अल्मोड़ा जिले के ऊंचाई वाले इलाकों हिमपात होने लगा। मुनस्यारी में बुधवार सुबह तक हिमपात जारी रहने से थल-मुनस्यारी मार्ग पर एक से दो फीट तक बर्फ की चादर बिछ गई। हिमपात लगातार जारी रहा तो रास्ता बंद होने से थर्टी फस्र्ट को पर्यटकों का मुनस्यारी पहुंचना मुश्किल हो सकता है।

वहीं नैनीताल के स्नोव्यू, किलबरी, हिमालय दर्शन, टिफिन टाप क्षेत्र में हल्का तो मुक्तेश्वर क्षेत्र में जबरदस्त हिमपात होने से पर्यटकों ने लुत्फ उठाया। बागेश्वर जिले के शामा, लीती, जड़वीला आदि गांव बर्फबारी से लकदक हो गए है। जिससे वहां पारा शून्य डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया है। पर्वतीय जिलों के अलावा तराई व भाबर क्षेत्र में बारिश होने से ठंड बढ़ गई है। राज्य निदेशक डा विक्रम सिंह के अनुसार रज्य के कई हिस्सों में पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय है, जो बुधवार मध्य रात्रि तक सक्रिय रह सकता है। उंचाई वाले क्षेत्रों में और हिमपात के आसार बने हुए हैं। गुरूवार से मौसम में सुधार आ जाएगा। 

यादें हो गई ताजा

क्रिसमस के बाद हुए हिमपात ने पूरानी यादें ताजा करा दी। तीन दशक पहले तक क्रिसमस के मौके पर हिमपात होना आम बात थी। धीरे-धीरे जलवायु परिवर्तन के कारण इसके समय में परिवर्तन आ गया। इधर, बीच के वर्षों में कुछ साल ऐसे भी आए जब हिमपात हुआ ही नहीं। 

अभी सक्रिय है पश्चिमी विक्षोभ

राज्य निदेशक डा. विक्रम सिंह के अनुसार कई हिस्सों में पश्चिमी विक्षोभ मध्य रात्रि तक सक्रिय रह सकता है। लिहाजा ऊंचाई वाले क्षेत्रों में हिमपात की संभावना बनी है। गुरुवार से मौसम में सुधार आ जाएगा। 


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