औचक निरीक्षण पर पहुंचीं स्वास्थ्य निदेशक ने बाहर की अल्ट्रासाउंड रिपोर्ट पर जताई नाराजगी
स्वास्थ्य निदेशक कुमाऊं की जिम्मेदारी संभालने के बाद डॉ. शैलजा भट्ट पहली बार महिला अस्पताल पहुंची।
हल्द्वानी, जेएनएन : स्वास्थ्य निदेशक कुमाऊं की जिम्मेदारी संभालने के बाद डॉ. शैलजा भट्ट पहली बार महिला अस्पताल पहुंची। उन्होंने अस्पताल का निरीक्षण किया और बाहर की अल्ट्रासाउंड रिपोर्ट पर नाराजगी जताई और भविष्य में ऐसा नहीं किए जाने के निर्देश दिए।
किच्छा निवासी एक महिला की इलाज न मिलने पर मौत के मामले में जांच के लिए रुद्रपुर जाते समय को डॉ. भट्ट महिला अस्पताल पहुंच गई। इस दौरान उन्होंने ओपीडी के बाहर कुछ गर्भवती महिलाओं के हाथ में निजी रेडियोलॉजी केंद्रों की जांच देखी तो वह नाराज हो गई। उन्होंने सीएमएस डॉ. ऊषा जंगपांगी व डॉक्टरों को निर्देश दिए कि अस्पताल में अल्ट्रासाउंड की सुविधा है। इसलिए बाहर से जांच न करवाई जाए। हालांकि कुछ महिलाओं का कहना था कि अस्पताल में बहुत भीड़ रहती है। इसलिए बाहर से जांच कराई है। इसके अलावा उन्होंने अस्पताल के नए भवन में भर्ती महिलाओं का हाल जाना और अस्पताल की व्यवस्थाओं के बारे में जानकारी हासिल की। निरीक्षण कि बाद डॉ. भट्ट ने बताया कि वह रूटीन भ्रमण पर गई थी। अस्पताल में साफ-सफाई ठीक मिली।
चार और डॉक्टरों को किया संबद्ध
महिला अस्पताल में डॉक्टरों की कमी को दूर करने के लिए लगातार प्रयास किए जा रहे हैं। अस्पताल में अन्य जगहों से चार और महिला डॉक्टरों को संबद्ध कर दिया गया है। इससे मरीजों को राहत मिलेगी।
एसटीएच के बजाय किसी और अस्पताल को बनाएं कोविड अस्पताल
एसटीएच में पूरे कुमाऊं के अलावा आसपास राज्यों के मरीज इलाज को पहुंचते थे। वहां पर तमाम सुविधाएं मिल जाती थी, लेकिन इसे कोविड-19 अस्पताल बनाए जाने के बाद मरीजों को दिक्कत होने लगी है। बेस अस्पताल केवल 170 बेड का और वहां पर पर्याप्त सुविधाएं भी नहीं हैं। सामाजिक कार्यकर्ता गुरविंदर सिंह चड्ढा ने मुख्यमंत्री को भेज ज्ञापन में कहा है कि एसटीएच के बजाय किसी अन्य अस्पताल को कोविड-19 अस्पताल बनाया जाए, जिससे कि कुमाऊं भर के मरीजों को राहत मिल सके।