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बेहाल मरीज बिना डॉक्टर को दिखाए लौटे

जागरण संवाददाता, हल्द्वानी : बेस अस्पताल में डॉ. अफजल खान से अभद्रता करने के आरोपी कांग्रेस ने

By JagranEdited By: Published: Wed, 20 Sep 2017 03:00 AM (IST)Updated: Wed, 20 Sep 2017 03:00 AM (IST)
बेहाल मरीज बिना डॉक्टर को दिखाए लौटे
बेहाल मरीज बिना डॉक्टर को दिखाए लौटे

जागरण संवाददाता, हल्द्वानी : बेस अस्पताल में डॉ. अफजल खान से अभद्रता करने के आरोपी कांग्रेस नेता सैय्यद इशरत की गिरफ्तारी नहीं होने पर मंगलवार को डॉक्टर भड़क गए। पुलिस पर दबाव बनाने के लिए बेस अस्पताल के साथ ही महिला अस्पताल के डॉक्टरों ने सुबह से ओपीडी सेवाएं ठप कर दी। डॉक्टर और कांग्रेस नेता के बच की इस लड़ाई का खामियाजा दूरदराज से पहुंचने वाले मरीजों को भुगतना पड़ा। बिना उपचार कराए मरीज निराश लौटना पड़ा। बेस अस्पताल व महिला अस्पताल सरकारी होने की वजह से इन पर मरीजों का काफी दबाव रहता है। सुबह से ही डॉक्टरों की ओपीडी के सामने भीड़ लगनी शुरू हो जाती है, मगर डॉक्टरों के कार्य बहिष्कार पर रहने की वजह से इन दोनों बड़े अस्पतालों में एक भी मरीज की नब्ज नहीं देखी जा सकी। डॉक्टर अपनी मांग पर अड़े हैं, पुलिस कांग्रेस नेता को गिरफ्तार नहीं कर पा रही और इस लड़ाई का सीधा असर स्वास्थ्य सेवा पर पड़ रहा है।

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निराश होकर एसटीएच की ओर दौड़े

ओखलकांडा से महिला सुनीता देवी अपने पति हरीश सिंह के साथ पहुंची थी। मरीज कई दिनों से बुखार से ग्रस्त थी। पेट में दर्द हो रहा था, लेकिन जब उसे हड़ताल का पता चला तो एसटीएच चली गई। हरीश का कहना था, क्या करें बेबस हैं। हर ओर से गरीब ही पिस जाता है। इसी तरह तमाम अन्य मरीज दूरदराज से इलाज की उम्मीद में पहुंचे थे, जिन्हें निराश लौटना पड़ा। हैड़ाखान, चोरगलिया, लालकुआं, कालाढूंगी से भी मरीज इलाज कराने पहुंचे थे।

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गिरफ्तारी नहीं होने पर आज जिले भर में कार्य बहिष्कार

बेस चिकित्सालय के सभागार में प्रांतीय चिकित्सा सेवा संघ की बैठक हुई। इसकी अध्यक्षता डॉ. डीएस पंचपाल ने की। आरोपी के खिलाफ कार्रवाई की मांग कर रहे संघ का समर्थन फार्मासिस्ट एसोसिएशन, नर्सिग स्टाफ राज्य कर्मचारी यूनियन, चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी संघ, उत्तराखंड मेडिकल लैब तकनीशियन ने भी समर्थन किया। डॉक्टरों ने कहा कि अगर अगर आरोपी की गिरफ्तारी नहीं हुई तो 20 सितंबर से पूरे जिले में कार्य बहिष्कार किया जाएगा। इसमें प्रमुख चिकित्सा अधीक्षक डॉ. एसबी ओली, सचिव डॉ. सीएस भट्ट, वरिष्ठ उपाध्यक्ष डॉ. एसएस बिष्ट, डॉ. नीरज त्रिपाठी, डॉ. बिपिन पंत, डॉ. सामंत, डॉ. केएस दत्ताल, डॉ. कल्पना पांडे, डॉ. पीएस खोलिया, डॉ. के नेगी, डॉ. अमित रौतेला, डॉ. ऋचा पांड आदि शामिल रहे।

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यह है मामला

शनिवार को दोपहर में डॉ. एमए खान ओपीडी में मरीज देख रहे थे। डॉ. खान का आरोप है कि कांग्रेसी नेता 40-50 लोगों को लेकर पहुंच गया। ओपीडी बंद करने को कहा। साथ ही अभद्रता शुरू कर दी। गालीगलौच व धमकी दे दी। उसी रात को डॉ. खान की तहरीर पर इशरत के खिलाफ सरकारी कार्य में बाधा डालने, गालीगलौच व धमकी का मुकदमा दर्ज हो गया था। इसके बाद इशरत ने भी डॉक्टर के खिलाफ तहरीर सौंपी।

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सामान्य दिनों की यह है स्थिति

बेस अस्पताल में 900 से अधिक मरीज ओपीडी में पहुंचते हैं। इसके अलावा ड्राइविंग लाइसेंस व स्वास्थ्य प्रमाण पत्र बनाने वालों की भी कतार लगी रहती है। हालांकि मंगलवार को कुछ गंभीर मरीजों को इमरजेंसी में उपचार मिल गया। महिला अस्पताल का भी यही हाल रहा। यहां भी प्रतिदिन 400 से अधिक महिलाएं ओपीडी में परामर्श लेने पहुंचती हैं। इसमें कुछेक गंभीर मरीजों को ही इमरजेंसी में उपचार मिल सका।


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