युवक की मौत के मामले में हरीश रावत ने बहुगुणा और सीएम त्रिवेंद्र रावत पर साधा निशाना
पूर्व सीएम हरीश रावत अपने राजनीतिक प्रतिद्वंदियों को सोशल मीडिया के जरिए निशाने पर लेने के लिए अक्सर चर्चा में रहते हैं। अब रावत ने एक तीर से दो लोगों को निशाने पर लिया है।
रामनगर, जेएनएन : पूर्व सीएम हरीश रावत अपने राजनीतिक प्रतिद्वंदियों को सोशल मीडिया के जरिए निशाने पर लेने के लिए अक्सर चर्चा में रहते हैं। अब रावत ने एक तीर से दो लोगों को निशाने पर लिया है। उन्होंने इलाज के दौरान रामनगर के अस्पताल में युवक की मौत के मामले में सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत तथा पूर्व सीएम विजय बहुगुणा पर निशाना साधा है। रामनगर के संयुक्त चिकित्सालय को प्रदेश सरकार ने हाल ही में चार साल के लिए पीपीपी मोड पर एक कंपनी को ठेके पर दिया है। बताया जाता है कि सरकार निजी कंपनी को हर महीने 2.98 लाख रुपये अस्पताल के संचालन के लिए दे रही है।
पीपीपी मोड पर संचालित इस अस्पताल पर लोग इलाज में लापरवाही बरतने के आरोप लगा रहे है। हाल ही में इलाज के दौरान यहां एक युवक की मौत हो गई थी। चिकित्सालय की व्यवस्था पर सवाल खड़ा करते हुए पूर्व सीएम हरीश रावत ने सोशल मीडिया में लिखा है कि जब प्रदेश में काग्रेस की सरकार थी और विजय बहुगुणा सीएम थे। तब विजय बहुगुणा कुछ अस्पतालों को पीपीपी मोड पर देने का अभिशाप छोड़कर गए थे।
उनका कहना है सीएम बनने के बाद पीपीपी मोड के इन अस्पतालों की वजह से उन्हें काफी तकलीफ उठानी पड़ी थी। अब बहुगुणा ने पीपीपी मोड की यह बीमारी सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत तक भी पहुचा दी है। रामनगर का सरकारी चिकित्सालय अब तक लोगों को स्वास्थ्य सेवाएंदेने का काम कर रहा था। लेकिन अब उसकी हालत खराब दिखाई दे रही है। यदि यही पीपीपी मोड का मॉडल है तो फिर स्वास्थ्य सेवाओें का भगवान ही मालिक है। उनकी इस पोस्ट पर कई लोगों ने टिप्पणी भी की है।