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नए कार्यकारिणी के बाद कांग्रेस में मचे बवाल पर हरीश रावत ने कहा नो कमेंट nainital news

धारचूला से देहरादून और फिर मंगलवार को हल्द्वानी में सड़क तक पहुंच गई कांग्रेस की कलह से पूर्व सीएम हरीश रावत ने किनारा कर लिया है।

By Skand ShuklaEdited By: Published: Thu, 30 Jan 2020 10:46 AM (IST)Updated: Thu, 30 Jan 2020 10:46 AM (IST)
नए कार्यकारिणी के बाद कांग्रेस में मचे बवाल पर हरीश रावत ने कहा नो कमेंट nainital news
नए कार्यकारिणी के बाद कांग्रेस में मचे बवाल पर हरीश रावत ने कहा नो कमेंट nainital news

हल्द्वानी, जेएनएन : धारचूला से देहरादून और फिर मंगलवार को हल्द्वानी में सड़क तक पहुंच गई कांग्रेस की कलह से पूर्व सीएम हरीश रावत ने किनारा कर लिया है। हरदा ने इस मामले में टिप्पणी करने से साफ मना कर दिया है। राजनीति के दिग्गज माने जाने वाले हरीश रावत की इस खामोशी के कई मायने हैं। क्योंकि विरोध की आवाज बुलंद करने वाले उनके खेमे से जुड़े हैं। अक्सर सोशल मीडिया पर सीधे व इशारों पर बात करने वाले हरदा ने इस मामले में वहां भी चुप्पी साध रखी है।

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खचिड़ी भोज में सड़क पर हुआ था हंगामा

बीते शनिवार को पीसीसी की नई लिस्ट जारी होने के बाद से प्रदेश कांग्रेस में भूचाल मचा है। धारचूला विधायक हरीश धामी ने बवाल खड़ा किया तो आंच कालाढूंगी तक पहुंच गई। मंगलवार को खिचड़ी भोज आयोजन से पहले दीप सती व संजय किरौला ने प्रदेश प्रभारी को सड़क पर इस्तीफा भी सौंप दिया। वहीं, पूरे मामले में जब पूर्व सीएम व राष्ट्रीय महासचिव हरीश रावत से बात करनी चाहिए तो उन्होंने फिलहाल टिप्पणी से इन्कार कर दिया। वहीं, गुटबाजी के चलते कांग्रेस में मचे इस घमासान से पदाधिकारी व कार्यकर्ता भी असमंजस में हैं।

समर्पित कार्यकर्ताओं को दिया जाए मौका

पूर्व प्रदेश महामंत्री खजान पांडे ने इसको लेकर कहा कि संगठन को प्राइवेट लिमिटेड कंपनी बनाकर समर्पित की बजाय परिक्रमा करने वालों को मौका दिया गया। जमीनी कार्यकर्ताओं की अनदेखी 2022 में भारी पड़ेगी। मुझे कथित तौर पर निष्कासित किया गया। कुछ लोग हरीश रावत को लगातार नीचा दिखाने की कोशिश कर रहे हैं।

जिन्हें संगठन का नहीं पता उन्‍हें मिला प्रदेश स्‍तरीय पद

विजय सिजवाली, पूर्व प्रदेश महासचिव ने कहा कि जिन्हें संगठन और समाज की जानकारी नहीं, उन्हें सीधा प्रदेश स्तर का पद मिल गया। जबकि पुराने और निष्ठावान लोग बाहर कर दिए गए। 1983 से संगठन के साथ हूं। जबकि तवज्जो 2-4 माह पहले आए लोगों को मिल गई।

पदाधिकारियों को कम न आंका जाए

दीपक बल्यूटिया, पूर्व प्रदेश प्रवक्ता ने कहा कि संगठन खड़ा करने में सबसे अहम भूमिका कार्यकर्ता निभाता है। मजबूत कार्यकर्ताओं के दम पर ही पार्टी आगे बढ़ेगी। पदाधिकारियों की जिम्मेदारी है कि उसे बढ़ावा दिया जाए। दायित्व होने न होने से फर्क नहीं पड़ेगा।

गुटबाजी की बजाय संगठन ने के लिए एकजुट हों

हुकुम सिंह कुंवर, विशेष आमंत्रित सदस्य ने बताया कि विवादित बयानबाजी की बजाय संगठन के लिए जुटना चाहिए। गुटबाजी की बजाय जनता के मुद्दों को आगे कर सरकार की नाकामी के खिलाफ लडऩा होगा। जल्द हाईकमान से मुलाकात कर वर्तमान स्थिति से अवगत कराया जाएगा।

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