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एक ही कस्बे में हरीश व प्रीतम की अलग-अलग पत्रकार वार्ता

काग्रेेस भले ही एकजुटता दिखाने का प्रयास करती रहे। लेकिन शीर्ष नेताओं के मन आज भी नहीं मिल रहे हैं। रामनगर में मंगलवार को यह तस्वीर साफ दिखी। यहां नेता ही नहीं बल्कि कार्यकर्ता भी आपस में बंटे दिखे। नेताओं के साथ ही उनके कार्यकर्ता भी आपस में बंट गए है। इसकी बानगी मंगलवार को रामनगर में देखने को मिली। कांग्रेस के दो बड़े नेता राष्ट्रीय महासचिव हरीश रावत व प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह रामनगर में ही थे। हरीश रावत ने प्रेस वार्ता जहा एक रिसॉर्ट में की वहीं उसके कुछ घटे के अंतराल में काग्रेस प्रदेश अध्यक्ष भी पार्टी कार्यालय में पत्रकारों से मुखातिब थे।

By JagranEdited By: Published: Wed, 26 Feb 2020 05:48 AM (IST)Updated: Wed, 26 Feb 2020 06:18 AM (IST)
एक ही कस्बे में हरीश व प्रीतम की अलग-अलग पत्रकार वार्ता
एक ही कस्बे में हरीश व प्रीतम की अलग-अलग पत्रकार वार्ता

संस, रामनगर : काग्रेेस भले ही एकजुटता दिखाने का प्रयास करती रहे। लेकिन शीर्ष नेताओं के मन आज भी नहीं मिल रहे हैं। रामनगर में मंगलवार को यह तस्वीर साफ दिखी। यहां नेता ही नहीं बल्कि कार्यकर्ता भी आपस में बंटे दिखे। नेताओं के साथ ही उनके कार्यकर्ता भी आपस में बंट गए है। इसकी बानगी मंगलवार को रामनगर में देखने को मिली। कांग्रेस के दो बड़े नेता राष्ट्रीय महासचिव हरीश रावत व प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह रामनगर में ही थे। हरीश रावत ने प्रेस वार्ता जहा एक रिसॉर्ट में की वहीं उसके कुछ घटे के अंतराल में काग्रेस प्रदेश अध्यक्ष भी पार्टी कार्यालय में पत्रकारों से मुखातिब थे। दोनों ही नेताओं ने भाजपा पर हमला बोलते हुए हल्द्वानी में विकास खोजो यात्रा की जानकारी दी। इतना ही नहीं हरीश रावत के साथ जहा काग्रेस नेता व ज्येष्ठ उप ब्लॉक प्रमुख संजय नेगी, महिला जिलाध्यक्ष आशा बिष्ट, हेम भट्ट समेत अनेक नेता व कार्यकर्ता नजर आए। वहीं प्रदेश अध्यक्ष की बैठक से यह सब नेता नदारद रहे। अलग-अलग प्रेस वार्ता करने को लेकर काग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह से पूछा गया तो चिर परिचित अंदाज में गोलमोल जवाब दे गए। कहा कि मेरा निर्धारित कार्यक्रम था। काग्रेस के नेता भाजपा पर हमलावर है। काग्रेस के सभी समर्पित है।

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नशे का हब बन रहा है उत्तराखंड : रावत

रामनगर : पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने कहा कि उत्तराखंड राज्य पूरी तरह से नशे का हब बनता जा रहा है। अभी तक पंजाब पूरे देश में सुर्खियों में था। अब उत्तराखंड नशे को लेकर सुर्खियों में है। पूर्व मुख्यमंत्री रावत ने कहा कि राज्य सरकार की राजस्व नीति चार खंभों पर खड़ी है। पहली शराब, दूसरी खनन, तीसरी प्राधिकरण ओर चौथी बड़े सर्किल रेट। कहा कि यह चारों नीति नहीं कूटनीति है। शराब सस्ती करने के बाद राज्य सरकार पहले से नशे की गिरफ्त में आए युवाओं को किस ओर ले जाना चाहती है। पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि 2017 में भाजपा ने डबल इंजन की सरकार के नाम पर विकास का ढिढोरा पीटा था। आज काग्रेस को लालटेन लेकर विकास के कामों को खोजने के लिए सड़कों पर निकलना पड़ रहा है। महंगाई का खामियाजा भी भाजपा सरकार को भुगतना पड़ेगा।


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