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खतरे में पड़ सकती है एमबीबीएस की मान्यता, एमसीआइ ने कॉलेज को फिर लिखा कड़ा पत्र

मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया (एमसीआइ) की टीम ने राजकीय मेडिकल कॉलेज का छह बार निरीक्षण कर लिया है लेकिन अभी तक एमबीबीएस की 100 सीटों के लिए मान्यता नहीं मिली है।

By Skand ShuklaEdited By: Published: Thu, 25 Apr 2019 06:10 PM (IST)Updated: Thu, 25 Apr 2019 06:10 PM (IST)
खतरे में पड़ सकती है एमबीबीएस की मान्यता, एमसीआइ ने कॉलेज को फिर लिखा कड़ा पत्र
खतरे में पड़ सकती है एमबीबीएस की मान्यता, एमसीआइ ने कॉलेज को फिर लिखा कड़ा पत्र

हल्द्वानी, जेएनएन : मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया (एमसीआइ) की टीम ने राजकीय मेडिकल कॉलेज का छह बार निरीक्षण कर लिया है, लेकिन अभी तक एमबीबीएस की 100 सीटों के लिए मान्यता नहीं मिली है। टीम को प्रति पांच वर्ष में निरीक्षण की मान्यता देनी होती है। ऐसे में एक बार फिर एमसीआइ ने मेडिकल कॉलेज को पत्र लिखा है कि अगर फैकल्टी की व्यवस्था दुरुस्त न की गई तो मान्यता खतरे में पड़ सकती है।

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राजकीय मेडिकल कॉलेज में सबसे अधिक दिक्कत फैकल्टी की है। कॉलेज में 17.46 फीसद फैकल्टी की कमी हैं। इसमें असिस्टेंट, एसोसिएट प्रोफेसर व प्रोफेसर हैं। इसके अलावा 13.43 फीसद जूनियर व सीनियर रेजिडेंट नहीं हैं। इनकी नियुक्ति के कई बार प्रयास हो गए हैं। इसके बावजूद कोई ज्वाइन करने को तैयार नहीं है। ऐसे में छह बार निरीक्षण करने के बाद एमसीआइ ने कॉलेज को कड़ा पत्र लिखा है। अगर कॉलेज प्रबंधन फिर भी कमी को पूरा नहीं कर सकेगा तो एमबीबीएस की मान्यता खतरे में पड़ सकती है। प्राचार्य प्रो. चंद्र प्रकाश भैंसोड़ा का कहना है कि एमसीआइ का पत्र मिला है। फैकल्टी व रेजिडेंट की कमी को दूर करने का प्रयास किया जा रहा है।


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