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अब आसमानी आफत रुकेगी आसमान में ही, जानिए कैसे

विपरीत मौसम के दौरान बागवानी फसलों को नुकसान से बचाया जा सकेगा। बेमौसम बरसात के साथ होने वाली ओलावृष्टि के वक्त एंटी हेल नेट (ओला अवरोधक जाली) फलों के लिए सुरक्षा कवच बनेगा।

By Edited By: Published: Sat, 12 May 2018 07:38 PM (IST)Updated: Sun, 13 May 2018 09:58 PM (IST)
अब आसमानी आफत रुकेगी आसमान में ही, जानिए कैसे
अब आसमानी आफत रुकेगी आसमान में ही, जानिए कैसे

हल्द्वानी, [जेएनएन]: विपरीत मौसम के दौरान बागवानी फसलों को नुकसान से बचाया जा सकेगा। बेमौसम बरसात के साथ होने वाली ओलावृष्टि के वक्त एंटी हेल नेट (ओला अवरोधक जाली) फलों के लिए सुरक्षा कवच बनेगा। उद्यान विभाग काश्तकारों को एंटी हेल नेट खरीदने के लिए अनुदान देने जा रहा। शासन ने उद्यान विभाग से नैनीताल जिले में बागवानी फसलों की जरूरत के अनुसार एंटी हेल नेट की डिमांड मांगी है। इसके बाद अनुदान राशि निर्धारित की जाएगी।

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फल उत्पादन में अग्रणी हिमाचल प्रदेश की तर्ज पर उत्तराखंड के फल पट्टी वाले जिलों में एंटी हेल नेट को बढ़ावा देने की तैयारी की जा रही है। प्रदेश में बहुत कम काश्तकार एंटी हेल नेट का प्रयोग कर रहे हैं, लेकिन अभी हाल ही में अप्रैल में हुई ओलावृष्टि से बागवानी फसलों को हुए नुकसान के बाद एंटी हेल नेट को बढ़ावा दिए जाने की जरूरत महसूस की जाने लगी है। बेमौसमी बारिश, ओलावृष्टि से बागवानी फसलों को 25 से 30 प्रतिशत तक नुकसान हुआ। साथ ही फल उत्पादन पर भी विपरीत प्रभाव पड़ा है। 

क्या है एंटी हेल नेट ओलावृष्टि से फलों को बचाने के लिए फलदार वृक्षों के ऊपर नायलॉन से बनी मजबूत जाली को स्टील के पाइप के सहारे बांधा जाता है। ओलावृष्टि के दौरान गिरने वाले ओले जाली में अटक जाते हैं और फलों तक नहीं पहुंच पाते। ओलावृष्टि की स्थिति में फल, पेड़ की शाख से टूटकर गिर जाते हैं और जो फल पेड़ पर रह जाते हैं, उन पर काले धब्बे पड़ जाते हैं। जिससे बाजार में फल नहीं बिक पाता। 

18 रुपये प्रतिवर्ग मीटर खर्च एंटी हेल नेट लगाने के लिए प्रति वर्ग मीटर तकरीबन 18 रुपये का खर्च आता है। उत्तराखंड में एंटी हेल नेट लगाने के लिए उद्यान विभाग के माध्यम से अभी केवल 25 से 50 प्रतिशत सब्सिडी दी जा रही है। जिसमें लागत का 50 प्रतिशत राजकीय सहायता दी जा रही है। सब्सिडी की अधिकतम सीमा प्रति लाभार्थी केवल चार हजार वर्ग मीटर रखी गई है। जबकि हिमाचल प्रदेश में वित्त वर्ष 2018-19 के बजट में एंटी हेल नेट पर साठ प्रतिशत सब्सिडी दिए जाने का प्रावधान किया गया है। 

प्रभारी डीएचओ दीप्ति बिष्ट ने बताया कि ओलावृष्टि के दौरान एंटी हेल नेट काफी कारगर साबित हो सकता हैं। शासन ने जिले में काश्तकारों की जरूरत और डिमांड के हिसाब से एंटी हेल नेट की रिपोर्ट है। इसके लिए प्रस्ताव तैयार किया जा रहा है।  

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