हल्द्वानी में डेढ़ हजार व्यापारियों का जीएसटी पंजीयन रद, जानिए कारण
वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) रिटर्न दाखिल नहीं करने वाले व्यापारियों के खिलाफ राज्य कर विभाग सख्त हुआ है।
हल्द्वानी, जेएनएन : वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) रिटर्न दाखिल नहीं करने वाले व्यापारियों के खिलाफ राज्य कर विभाग सख्त हुआ है। विभाग ने जून से दिसंबर के दौरान रिटर्न दाखिल नहीं करने वाले 1500 से अधिक व्यापारियों का जीएसटी में पंजीयन रद कर दिया है।
व्यापारियों को हर माह की 20 तारीख तक पिछले महीने की खरीद-बिक्री का ब्योरा जीएसटीआर-3बी के रूप में दाखिल करना होता है। कई फर्म इसमें लापरवाही बरत रहे हैं। असिस्टेंट कमिश्नर विनय प्रकाश ओझा ने बताया कि हल्द्वानी क्षेत्र में डेढ़ हजार व्यापारियों का जीएसटी पंजीयन निरस्त कर दिया गया है। यह व्यापारी लगातार नोटिस देने के बाद भी रिटर्न दाखिल नहीं कर रहे थे। पंजीयन निरस्त होने के बाद व्यापारी बाहर से सामान नहीं मंगा सकेंगे। दरअसल, 50 हजार से अधिक के सामान के ढुलान के लिए ई-वे बिल जरूरी है। बिना जीएसटी पंजीयन नंबर के ई-वे बिल जारी नहीं किया जा सकता। ऐसे में बाहरी शहरों से सामान मंगाने वाले व्यापारियों को परेशानी झेलनी पड़ेगी।
पेनल्टी के साथ जीएसटी भरना होगा
जीएसटी पंजीयन निरस्त करने से पहले राज्य कर विभाग पेनल्टी के साथ रिटर्न दाखिल करने के लिए नोटिस जारी करता है। इसके बाद भी रिटर्न दाखिल न करने पर पंजीयन निरस्त होता है। इसके एक माह के भीतर व्यापारी पंजीयन को पुनर्जीवित करने के लिए आवेदन कर सकता है। ऐसी स्थिति में व्यापारी को पेनल्टी के साथ रिटर्न दाखिल करना होता है।
टैक्स चोरी में मिलेगी मदद
जीएसटी पंजीयन रद होने के बाद दूसरे शहर से सामान मंगाने के लिए जरूरी ई-वे बिल नहीं बन पाएगा। विभागीय सूत्रों के मुताबिक जीएसटी काउंसिल जल्द ही ऐसा प्रावधान करने जा रही है कि जिससे वाहनों की लोकेशन के साथ ही वाहन कितनी बार एनएचएआई के टोल प्लाजा से गुजरा है। इसकी जानकारी भी हासिल की जा सकेगी। अभी कुछ ट्रांसपोर्टर सिंगल ई-वे बिल जेनरेट कर कई ट्रिप लगा रहे हैं।
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