ग्राम प्रधानों ने दी आंदोलन की चेतावनी, ज्ञापन सौंपा
भीमताल में ग्राम प्रधान संगठन ने ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार उपलब्ध नहीं होने पर आंदोलन की चेतावनी दी है।
संवाद सहयोगी, भीमताल : ग्राम प्रधान संगठन ने ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार उपलब्ध नहीं होने पर आंदोलन चेतावनी दी है। इस मामले को लेकर खंड विकास अधिकारी दिनेश दिगारी व ब्लाक प्रमुख हरीश बिष्ट को सौंपा गया है।
ज्ञापन में कहा गया है कि कोरोना काल में मनरेगा में हर महीने समवर्ती आडिट शुरू होने से गांवों के लोगों को रोजगार मिलने में काफी परेशानी हो रही है। विकासखंड के सारे कर्मचारी आडिट कराने में व्यस्त हैं जिससे नये कार्य प्रारंभ होने में बहुत परेशानी हो रही है। काम नहीं मिलने के कारण गांवों में बेरोजगारी की समस्या है। जनप्रतिनिधियों ने बताया कि इससे पूर्व हर छह महीने में सोशल आडिट होता था जिससे कार्य की प्रगति पर कोई असर नहीं पड़ता था लेकिन वर्तमान में कोरोना संक्रमण के समय हर माह समवर्ती आडिट होने से ग्रामीण व प्रवासी लोगों को रोजगार देने में काफी परेशानी हो रही है। ग्राम प्रधान संगठन ने समवर्ती आडिट को तत्काल बंद कराने की मांग की है। मांग पूरी नहीं होने पर आंदोलन की चेतावनी दी गई है। ज्ञापन देने वालों में हेमा आर्या, राधा कुल्याल, लक्ष्मण गंगोला, वीरेन्द्र कुमार, पूरनलाल, लीलावती पलड़िया, पूरन चंद्र व पवन बेलवाल आदि शामिल थे।
इधर हल्द्वानी में लंबे समय से बद्रीपुरा की क्षतिग्रस्त सड़कों की मरम्मत नहीं होने से आक्रोशित लोग धरने पर बैठ गए। वहीं, रामड़ी आनसिंह ग्रामसभा की एक सड़क को खुलवाने के लिए मंगलवार को स्थानीय लोगों ने एसडीएम विवेक राय को ज्ञापन सौंपा। ब्रद्रीपुरा में स्थानीय लोगों संग धरने पर बैठे पार्षद रवि जोशी ने बताया कि वार्ड की आधी से ज्यादा सड़कें क्षतिग्रस्त हो चुकी हैं। नौ माह पहले पेयजल लाइन बिछाने के बाद से ठेकेदार सड़क की सुध लेना भूल गया। गड्ढों की वजह से कई बार हादसे भी हो चुके हैं। प्रदर्शन करने वालों में आशा देवी, मुन्नी कश्यप, दीपा गुप्ता, कंचन जोशी, संजय बेलवाल, मुकेश शामिल रहे। इधर, एसडीएम कोर्ट पहुंचे रामड़ी आनसिंह के लोगों ने बताया कि गांव का पुराना रास्ता बंद होने से लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। पूर्व में प्रशासन द्वारा बंदोबस्ती मार्ग को खोला गया था लेकिन उससे ग्रामीणों को खास सहूलियत नहीं मिल पा रही। ज्ञापन सौंपने वालों में रूपराज, बिशनलाल, श्यामलाल, नंदकिशोर, गौतम प्रकाश कोहली, कृष्ण मोहन परमानंद आदि के हस्ताक्षर थे।