क्षुब्ध कुंजवाल पहुंचे 'ईष्ट देवताओं' के 'दरबार'
कांग्रेस संगठन में आए सियासी भूचाल और लगातार हो रही बयानबाजी से क्षुब्ध पूर्व स्पीकर देवताओं के दर पर मंदिरों में माथा टेकने पहुंचे।
By Edited By: Published: Mon, 13 Aug 2018 10:15 AM (IST)Updated: Thu, 16 Aug 2018 08:54 AM (IST)
जांस, हल्द्वानी : कांग्रेस संगठन में आए सियासी भूचाल और लगातार हो रही बयानबाजी से क्षुब्ध पूर्व विधानसभा अध्यक्ष गोविंद सिंह कुंजवाल ने अब न्याय के लिए कुमाऊं के ईष्ट देवताओं की शरण ली है। उन्होंने भगवान के दरबार में नैतिक मूल्यों को बरकरार रखने और उनके प्रति हो रही साजिशों को नाकाम करने की प्रार्थना की है। कांग्रेस संगठन द्वारा प्रदेश के नए जिलाध्यक्षों की सूची जारी करने के बाद से ही कांग्रेस संगठन में सियासी भूचाल पैदा हो गया था। हालांकि स्वयं कुंजवाल ने संगठन के इस निर्णय पर आपत्ति व्यक्त की थी। लेकिन इस मामले को लेकर हो रही सियासत से अब वह स्वयं आहत हैं। उन्होंने कहा कि यह पार्टी का अंदरूनी मामला है, इसमें किसी प्रकार की सियासत के लिए कोई स्थान नहीं है। कुंजवाल ने इस मामले में हो रही राजनीति के बाद अब चितई गोल्ज्यू, जागेश्वर धाम और झांकरसैम मंदिर की शरण ली है। कुंजवाल ने यहां भगवान से न्याय और इस राजनीतिक घटनाक्रम को पैदा करने वाले षड़यंत्रकारियों को सद्धबुद्धि देने की गुहार लगाई है। कुंजवाल ने कहा है कि वह अपने जीवन में निजी स्वार्थो, आपसी बैर और वैमनस्य से अपने आप को दूर रखते आए हैं। समाज के लिए उन्हें जो बेहतर लगा उन्होंने करने का प्रयास किया। कुंजवाल ने कहा है कि राज्य के भले के लिए वह पूर्व की भांति हमेशा संघर्ष करते रहेंगे। आहत कुंजवाल ने पद छोड़ने की दी थी धमकी कांग्रेस के वरिष्ठ विधायक और पूर्व स्पीकर गोविंद सिंह कुंजवाल पीतांबर पांडे को अल्मोड़ा का जिलाध्यक्ष बनाए जाने से काफी आहत थे। इस मसले को लेकर उन्होंने प्रदेश प्रभारी का पद छोड़ने तक की धमकी दे दी थी।
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