फीस को लेकर नौ दिन पहले जारी हुआ शासनादेश अब तक प्राइवेट स्कूलों को नहीं मिला
शिक्षा की स्थिति सुधारने को लेकर शिक्षा महकमा जरा भी संजीदा नहीं दिखाई दे रहा है। प्राइवेट स्कूलों में फीस का मामला किसी से छिपा नहीं है। इसी फीस को लेकर नौ दिन पहले जारी हुआ शासनादेश अब तक प्राइवेट स्कूलों को नहीं मिला है।
जागरण संवाददाता, हल्द्वानी : शिक्षा की स्थिति सुधारने को लेकर शिक्षा महकमा जरा भी संजीदा नहीं दिखाई दे रहा है। प्राइवेट स्कूलों में फीस का मामला किसी से छिपा नहीं है। इसी फीस को लेकर नौ दिन पहले जारी हुआ शासनादेश अब तक प्राइवेट स्कूलों को नहीं मिला है। जिसके चलते प्राइवेट स्कूल ही नहीं, अभिभावक भी फीस को लेकर खासे असमंजस में हैं।
गौरतलब है कि शिक्षा सचिव आर मीनाक्षी सुंदरम ने 15 जनवरी को एक आदेश जारी किया था। जिसमें कहा गया था कि निजी स्कूलों में 10वीं और 12वीं कक्षाओं की आफलाइन पढ़ाई शुरू हो चुकी है। पढ़ाई शुरू होने की तिथि से सबंधित स्कूल पूरी फीस ले सकेंगे। जबकि, इस तिथि से पूर्व बच्चों से केवल ट्यूशन फीस ही ली जा सकेगी।
इतना ही नहीं सचिव के आदेश में यह भी कहा गया था कि यदि कोई अभिभावक एक मुश्त फीस भरने में सक्षम नहीं है तो वे स्कूल से किस्तों में फीस जमा करने को लेकर अनुरोध कर सकते हैं। इस आदेश ने फीस को लेकर प्राइवेट स्कूलों और अभिभावकों का संशय दूर करने का काम किया था लेकिन, सचिव का ये आदेश अब तक जिलों तक पहुंचा ही नहीं है। मामले में शिक्षा विभाग का कहना है कि इस संबंध में कार्यालय आदेश आने के बाद ही अगली कार्रवाई की जा सकेगी।
फीस को लेकर शासनादेश जारी होने की जानकारी हमें समाचार पत्रों के माध्यम से मिली थी। इस संबंध में शिक्षा विभाग की ओर से किसी भी स्कूल को आदेश नहीं दिया गया है। इससे स्कूल संचालक और अभिभावक फीस को लेकर खासे परेशान हैं।
कैलाश भगत, अध्यक्ष पब्लिक स्कूल एसोसिएशन हल्द्वानी
फीस को लेकर कार्यालय आदेश का इंतजार है। आदेश मिलते ही इसे स्कूलों को उपलब्ध कराया जाएगा।
हरेंद्र कुमार मिश्रा, खंड शिक्षा अधिकारी हल्द्वानी