विनय कुमार शर्मा, हल्द्वानी: Jobs in Abroad: विदेश में नौकरी के नाम पर आए दिन हो रही ठगी के बीच युवाओं के लिए अच्छी खबर है। सरकार अब खुद उन्हें विदेश के लायक तैयार करेगी। कोर्स के माध्यम से प्रशिक्षित करेगी और नौकरी दिलाने में भी मदद करेगी।
असल में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की पहल पर सेवायोजन विभाग में अलग से विदेश रोजगार प्रकोष्ठ खोला गया है। इसके साथ ही भारत सरकार की ओर से नामित नेबिस नाम की मानव संसाधन कंपनी से समझौता भी किया गया है।
प्रथम चरण में जापान में बुजुर्गों की सेवा के लिए एएनएम व जीएनएम कोर्स कर चुके युवाओं का चयन किया जाएगा। इसके बाद उन्हें जापानी भाषा का प्रशिक्षण देकर वहां भेजा जाएगा।
जापान में रोजगार के ज्यादा अवसर
सेवायोजन विभाग उपनिदेशक चंद्रकांता ने बताया कि जापान में रोजगार के ज्यादा अवसर हैं। वहां 75 साल से अधिक आयु की बड़ी आबादी है। ऐसे में वृद्धों की देखरेख करने वाले सेवकों की बड़ी संख्या में जरूरत है। इसी तरह इजरायल और जर्मनी में योग शिक्षक की मांग है।
सरकार ने विदेश में रोजगार के लिए नेबिस से नियुक्तियों का प्रस्ताव मांगा है। इसी क्रम में बीते माह जापान की तीन कंपनियां उत्तराखंड आई थीं, जिन्होंने एएनएम व जीएनएम कोर्स करने वाले युवाओं की मांग की है।
अन्य कोर्स वाले युवा भी जाएंगे विदेश
विदेश में होटल, केयर टेकर, तकनीशियन, इंजीनियर, आइटी पेशेवरों की भी जबर्दस्त मांग है। इसी आधार पर सरकार युवाओं को तैयार करेगी। मसलन, जिस देश में जिस तरह के रोजगार की आवश्यकता होगी, प्लेसमेंट एजेंसी की मदद से उस ट्रेड के बेरोजगार को तैयार कराया जाएगा। भाषा की जानकारी दी जाएगी। रहन-सहन के बारे में बताया जाएगा। पासपोर्ट, वीजा, दूतावास, प्रमाणपत्र व अन्य औपचारिकताओं को भी पूरा कराया जाएगा।
अभी फीस होनी है तय
उपनिदेशक ने बताया कि अभ्यर्थी को कितनी फीस देनी है और सरकार कितना खर्च वहन करेगी, यह अभी स्पष्ट नहीं है। सरकार इस पर मंथन कर रही है।
प्रदेश सरकार अब स्वयं युवाओं को नौकरी के लिए विदेश भेजेगी। चयन व भाषाई प्रशिक्षण देगी। इसके लिए सेवायोजन विभाग में विदेश रोजगार प्रकोष्ठ खोलने के साथ भारत सरकार की नामित नेबिस कंपनी से समझौता भी किया गया है।
- हरबीर सिंह, निदेशक, सेवायोजन विभाग