पक्षी प्रेमियों के लिए अच्छी खबर : भीमताल में बढ़ा हिमालयन वुड उल्लू का कुनबा
जौंस स्टेट में दुर्लभ उल्लू का जोड़ा ही नहीं दिखाई दिया है, बल्कि उनके बच्चों को भी पक्षी विशेषज्ञों ने अपने कैमरे में कैद किया है। हिमालियनवुड आउल का यह उल्लू हिमालय से लेकर लाओस, वियतनाम थाईलैंड में पाया जाता है।
राकेश सनवाल, भीमताल। क्षेत्र के आसपास पर्यावरण को संरक्षित रखने और जंगलों का कटान रोकने के सुखद परिणाम सामने आने लगे हैं। जौंस स्टेट में दुर्लभ उल्लू का जोड़ा ही नहीं दिखाई दिया है, बल्कि उनके बच्चों को भी पक्षी विशेषज्ञों ने अपने कैमरे में कैद किया है। हिमालियनवुड आउल (काष्ट उल्लू) (स्ट्रिक्स निवाईजेंस) का यह उल्लू हिमालय से लेकर लाओस, वियतनाम थाईलैंड में पाया जाता है। उल्लू की यह प्रजाति एक वर्ष पूर्व ब्राउन वुड आउल (स्ट्रिक्स लेप्टोग्रैमिका)से अलग हुई है। इसलिए यह उल्लू की प्रजाति इन दिनों खासी चर्चाओं में है। ब्राउन वुड आउल दक्षिण भारत और श्रीलंका में पाया जाता है।
वर्ष 2018 में पक्षी विशेषज्ञों ने दोनों प्रजाति में विषमता पाई और दोनों को अलग किया। वैज्ञानिकों और पक्षी विशेषज्ञों का मत है कि यदि दोनों प्रजातियों का मिलन कराया जाए तो हाईब्रिड पैदा हो सकती है। जौंस स्टेट में केरल के त्रिवेंद्रम निवासी और भूमि संरक्षण विभाग केरल से सेवानिवृत भारत के प्रसिद्ध पक्षी विशेषज्ञ सी सुशांत ने जौंस स्टेट में ना केवल इस दुर्लभ उल्लू के जोड़े को अपने कैमरे में कैद किया, बल्कि इस पर अपना अध्ययन भी शुरू कर दिया है। इसकी ऊंचाई आमतौर पर उल्लू की तुलना में दोगुने से भी अधिक होती है आम उल्लू की ऊंचाई 17 से 22 सेमी होती है, जबकि वुड ब्राउन आउल की ऊंचाई आम तौर पर 47 से 53 सेमी होती है।
पक्षी विशेषज्ञ, सी सुशांत हिमालियन वुड आउल की संख्या क्यों कम होती है इसका अध्ययन किया जा रहा है। भीमताल के जौंस स्टेट में इसका जोड़ा एक साथ देखा गया है। इसके बच्चे के होने की भी सूचना है इसलिए अध्ययन किया जा रहा है। अब तक जानकारी के मुताबिक हिमालियन वुड आउल जुलाई में बच्चे देते हैं।